सांसद बहाली के बाद राहुल संसद पहुंचे, 'नफरत पर मोहब्बत की जीत'

01:20 pm Aug 07, 2023 | सत्य ब्यूरो

लोकसभा सचिवालय द्वारा सोमवार को सांसद के रूप में उनकी वापसी को मंजूरी मिलने के कुछ घंटों बाद राहुल गांधी सोमवार को संसद पहुंचे। दोपहर 12 बजे शुरू होने वाली लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने से पहले उन्होंने गांधी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। और इसके बाद संसद में घुसे। हालाँकि न तो लोकसभा और न ही राज्यसभा में कार्यवाही ज़्यादा चल पाई। हंगामे की वजह से दोनों सदनों को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

कांग्रेस ने राहुल गांधी के संसद भवन पहुँचने के वीडियो को साझा करते हुए ट्वीट किया है कि 'ये करोड़ों भारतवासियों की जीत है। असत्य के खिलाफ सत्य की जीत है। नफ़रत के ख़िलाफ़ मोहब्बत की जीत है।'

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी थी। सूरत के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 499 और 500 तहत आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। इसी दो साल की सजा की वजह से राहुल गांधी को मौजूदा लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। और इसी सजा की वजह से आगामी 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने की उनकी योग्यता पर सवालिया निशान लगा दिया था।

राहुल गांधी ने अप्रैल में सूरत की सत्र अदालत से कहा था कि मानहानि मामले में मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा उनकी सजा गलत और साफ़ तौर पर विकृत थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें इस तरह से सजा सुनाई गई थी ताकि संसद सदस्य के रूप में अयोग्यता के दायरे में लाया जा सके। राहुल गांधी को झटका देते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने 7 जुलाई को दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि 'राजनीति में शुद्धता' समय की ज़रूरत है। इसके बाद राहुल ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

बहरहाल, पिछले हफ़्ते सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद राहुल की सदस्यता बहाल करने के लिए काफ़ी दबाव था। आज जब उनकी सदस्यता बहाल कर दी गई तो कांग्रेस ने ट्वीट किया, 'नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत'।

राहुल की सांसद के रूप में बहाली ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में बहस होनी है। यह मूल रूप से मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान नहीं देने के खिलाफ है। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई को शुरू हुआ था लेकिन तब से संसद एक भी दिन ठीक से नहीं चल पाई है।

हंगामे और नारेबाजी के बीच सोमवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गईं। राज्यसभा में बीजेपी सांसदों ने जहां कांग्रेस शासित राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ कथित अत्याचार पर चर्चा की मांग की, वहीं विपक्षी दल ने मणिपुर में जारी हिंसा पर चर्चा की मांग बरकरार रखी। संसद के मानसून सत्र का यह आखिरी सप्ताह है।