मानसून सत्र के दौरान संसद में चल रहे गतिरोध और सरकार के रवैए के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्ष की बैठक बुलाई है। उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं को मंगलवार को नाश्ते पर बुलाया है।
समझा जाता है कि नाश्ते पर इस बैठक में इस पर चर्चा होगी कि मानसून सत्र के बचे हुए समय में विपक्ष क्या रणनीति अपनाए और सभी विपक्षी दल किस तरह आपस में समन्वय करें कि सरकार को अहम मुद्दों पर घेरा जा सके और जवाब देने को मजबूर किया जा सके।
इस बैठक में तृणमूल कांग्रेस को भी न्योता गया है। अब तक तृणमूल कांग्रेस इस तरह की सामूहिक बैठकों से दूर रहती आई है, पर ममता बनर्जी के हाल के दिल्ली दौरे के बाद पार्टी की रणनीति बदली है।
सरकार ने संसद में एक के बाद एक कई विधेयकों को बग़ैर बहस के पारित करवा लिया है, लेकिन विपक्ष के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया है। विपक्ष सरकार को पेगासस के मुद्दे पर घेरे हुए है, लेकिन सरकार इस पर लगातार कन्नी काट रही है।
यह ब्रेकफ़ास्ट मीटिंग संसद के पास ही स्थित कॉन्स्टीच्यूशन क्लब में होगी। इस बैठक में विपक्ष की ओर से एक समानान्तर संसद चलाने के मुद्दे पर भी बात हो सकती है।
इसकी वजह यह है कि सरकार तमाम विपक्षी दलों की हर माँग को लगातार ठुकरा रही है और किसी सवाल का कोई जवाब नहीं देना चाहती।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आन्दोलन चला रहे किसान संगठन जंतर मंतर पर बैठे हुए हैं और समानांतर संसद चला रहे हैं। विपक्ष दलों को शायद इसी से प्रेरणा मिली है।
संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक है।
गतिरोध बरक़रार
बता दें कि सोमवार को भी विपक्षी दलों के सांसदों ने कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में इस मुद्दे पर नारेबाज़ी की थी और हंगामा और शोरगुल हुआ था।
इस वजह से राज्यसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा था। कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा जारी रहा और सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि संसद में हंगामा होता रहे, जिससे वे अपने बिल पास करा लें और महंगाई, कोरोना, पेट्रोल-डीजल की बढ़ी क़ीमतों पर चर्चा न हो सके।
मानसून सत्र में हर दिन संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा व शोरगुल हुआ है। पेगासस जासूसी मामले और किसानों के मुद्दों को लेकर कांग्रेस समेत विपक्ष के हमलावर रूख़ के कारण सरकार बुरी तरह घिर गई है।
बता दें कि बीते कई दिनों से संसद के दोनों सदनों में हंगामा हो रहा है। पेगासस जासूसी के अलावा किसान आंदोलन को लेकर भी संसद से सड़क तक माहौल बेहद गर्म है।