नीट और यूजीसी नेट के मामले में कांग्रेस ने मोदी सरकार पर क़रारा हमला किया है। इसने कहा है कि देश में लगातार पेपर लीक हो रहे हैं। पार्टी ने कहा कि पहले जहां नीट पेपर लीक से लाखों छात्रों का भविष्य अधर में है, वहीं अब यूजीसी-नेट की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मध्य प्रदेश में व्यापम घोटाला हुआ, जिसे नरेंद्र मोदी पूरे देश में फैला रहे हैं।
नीट मामले में बिहार से गिरफ़्तार आरोपियों द्वारा पेपर लीक की बात कबूले जाने और एनटीए के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप जोशी पर विवाद के बाद राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि दावा किया जाता है कि मोदी युद्ध रुकवा देते हैं, लेकिन वह पेपर लीक नहीं रुकवा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'कहा जा रहा था कि नरेंद्र मोदी जी ने रुस व यूक्रेन के बीच और इज़राइल व गज़ा के बीच में जो लड़ाई चल रही थी, उसको भी रोक दिया था। लेकिन देश में जो पेपर लीक हो रहे हैं उसको रोक नहीं पा रहे हैं या रोकना नहीं चाहते हैं।'
राहुल ने कहा, 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान हजारों छात्रों ने पेपर लीक की शिकायत की थी। अब देश में नीट और यूजीसी-नेट के पेपर लीक हुए हैं। पेपर लीक एक एंटी नेशनल गतिविधि है, क्योंकि इससे युवाओं को जबरदस्त चोट पहुंचती है। इसलिए पेपर लीक के जिम्मेदारों को पकड़ा जाना चाहिए और उनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए।'
कांग्रेस नेता ने कहा कि पेपर लीक का कारण है कि बीजेपी ने पूरे सिस्टम को कैप्चर कर रखा है। उन्होंने कहा कि जब तक ये कैप्चर रिवर्स नहीं होगा, पेपर लीक चलता रहेगा। राहुल ने कहा, 'मैं संस्थागत कैप्चर की बात करता हूँ। हिंदुस्तान की अलग-अलग जो संस्थाएँ हैं, उनकी बात की। यही शैक्षणिक संस्थाओं में भी हो रहा है।'
पेपर लीक की वजह
राहुल गांधी ने कहा कि पेपर लीक का कारण है कि सभी वाइस चांसलर, एजुकेशन सिस्टम को बीजेपी के लोगों ने, उनके पितृ संस्थाओं ने कैप्चर कर रखा है। उन्होंने कहा, 'जब तक ये कैप्चर रिवर्स नहीं किया जाएगा तब तक पेपर लीक चलता जाएगा। इस कैप्चर को फैसिलिटेट नरेंद्र मोदी जी ने किया है।'
कांग्रेस नेता ने कहा, 'आज एक संगठन ने शिक्षा के सिस्टम को कैप्चर कर लिया है। वे हर पोस्ट पर अपने ही लोगों को बैठाते हैं। हमें इस सिस्टम को रिवर्स करना होगा।'
राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा था- पेपर लीक होने के बाद कार्रवाई करने के साथ ही, पेपर लीक रोकने के लिए सिस्टम को री-डिजाइन करना भी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष दबाव डालकर, सरकार से ये दो काम कराने की कोशिश करेगा।
रायबरेली सांसद ने कहा, 'हिंदुस्तान में बहुत सारे ईमानदार लोग हैं। अगर आप ईमानदारों को काम दोगे तो पेपर लीक नहीं होगा। लेकिन अगर आप खुद की विचारधारा से जुड़े लोगों को काम सौपेंगे तो पेपर लीक होगा।'
कांग्रेस ने बुधवार को नीट-यूजी विवाद पर देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की है और अपनी राज्य इकाइयों को शुक्रवार को 'छात्रों के लिए न्याय की मांग' करते हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है।
एनटीए चेयरमैन पर विवाद क्यों?
नीट यूजी और यूजीसी के कथित पेपर लीक मामले को लेकर एनटीए चेयरमैन डॉ. प्रदीप जोशी भी सुर्खियों में हैं। नीट-यूजी परीक्षा के नतीजों में कथित धांधली और इस पर उठे विवाद के बीच मामले की जाँच के लिए जो कमेटी बनी उसका प्रमुख एनटीए अध्यक्ष को ही बनाया गया। वही एनटीए अध्यक्ष जिन पर यह परीक्षा सही तरीके से कराने की जवाबदेही थी। जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार एनटीए के प्रमुख रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. प्रदीप जोशी का संघ परिवार से पुराना नाता बताया जाता है और उन पर इस नाते का फायदा उठा कर बड़ा पद पाने का आरोप भी लग चुका है।
रिपोर्ट के अनुसार डॉ. जोशी मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष 2006 में बने थे। जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार एमपीपीएससी के अध्यक्ष बनने के करीब आठ साल बाद आरटीआई के जरिए प्राप्त जानकारी के हवाले से दावा किया गया कि उनकी इस नियुक्ति के लिए आरएसएस के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रचारक विनोदजी ने सिफारिश की थी। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे को उनके आवेदन के जवाब में यह जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. जोशी के लिए की गई सिफारिश में विनोदजी ने लिखा था, 'डॉ. प्रदीप जोशी अध्यक्ष रहे हैं विद्यार्थी परिषद के। वर्तमान में जबलपुर के रानी दुर्गा विश्वविद्यालय से जुड़े हैं। चाहते हैं संघ लोक सेवा अध्यक्ष बनें। नाम गया है।' रिपोर्ट में कहा गया था कि जोशी भाजपा नेताओं मुरली मनोहर जोशी और अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े रहे हैं।