राहुल : कांग्रेस जैसा कहेगी, वैसा ही करूंगा

09:30 pm Dec 19, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व का अंदरूनी संकट ख़त्म हो गया है और अध्यक्ष पद पर बनी जिच दूर हो गई है। शनिवार को हुई पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि 'जैसा सब चाहते हैं, उसके अनुरूप मैं पार्टी के लिए काम करने को तैयार हूं।'

इस बैठक में कथित अंसतुष्ट भी मौजूद थे जो यह माँग करते रहे हैं कि राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष का पद स्वीकार कर लें या किसी और को यह ज़िम्मेदारी लेने दें। सबकी इच्छा के अनुरूप पार्टी का काम करने के राहुल के एलान का 'असंतुष्टों' समेत तमाम लोगों ने ज़ोरदार ताली बजा कर स्वागत किया। 

अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर सात घंटे तक चली इस बैठक में प्रियंका गांधी, राहुल और दूसरे बड़े नेता मौजूद थे। समझा जाता है कि कांग्रेस पार्टी में सुलह सफाई हो गई है और आगे का रास्ता साफ हो गया है। 

वरिष्ठ कांग्रेस नेता पवन बंसल ने बैठक के बाद कहा कि 'राहुल गांधी ने कहा है कि जैसा आप सब चाहते हैं, मैं पार्टी के लिए  वैसा ही करने को इच्छुक हूं।'

पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पार्टी के अंदर बेहतर तालमेल की ज़रूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि बूथ स्तर पर पार्टी को और मजबूत करने की ज़रूरत है। 

ज़मीनी स्तर पर मजबूत करने की ज़रूरत

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने भी संगठन के पुनर्निमाण और ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं का ख्याल रखने ज़रूरत पर ज़ोर दिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि किसी ने भी राहुल गाँधी की आलोचना नहीं की और कथित असंतुष्टों ने भी उनका समर्थन ही किया। 

याद दिला दें कि बीते साल आम चुनाव में पार्टी की क़रारी शिकस्त होने के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। उसके बाद काफी मान मनौव्वल के बावजूद वे यह पद संभालने को तैयार नहीं हुए। सोनिया गांधी कार्यकारी अध्यक्ष बनी हुई हैं। लेकिन पार्टी में लगातार यह बात कही जा रही थी कि कोई पूर्णकालिक अध्यक्ष होना ही चाहिए। 

शुक्रवार को पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि पार्टी के 99.9 प्रतिशत नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष बनें। 

बीते साल भर में कांग्रेस पार्टी को लगातार कई बार चुनाव में हार का मुँह देखना पड़ा है। हाल फिलहाल बिहार विधानसभा के अलावा राजस्थान और केरल में स्थानीय निकाय चुनावों भी पार्टी हार गई। कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भी पार्टी को हार का मुँह देखना पड़ा है।

इसके पहले कांग्रेस में बवाल तब मचा था जब 23 वरिष्ठ नेताओं ने एक साझी चिट्ठी लिख कर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया था और कई तरह के सुझाव दिए थे। इसे इस रूप में देखा गया कि ये अंसतुष्ट हैं।

लेकिन पत्र लिखने वालों का कहना था कि वे चाहते हैं कि राहुल ही पार्टी अध्यक्ष बनें, लेकिन यदि वे ऐसा नहीं ही कर सकते तो कोई और बने। इन लोगों का कहना था कि पार्टी जिस तरह चल रही है, वैसा उसे नहीं छोड़ा जा सकता है।