सोनिया गांधी के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के एक साल बीत जाने के बाद भी कांग्रेस पार्टी में नए अध्यक्ष का नहीं चुना जाना बताता है कि इस मुद्दे पर पार्टी किस तरह संकट में फंसी हुई है। अब राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी ने भी कह दिया है कि पार्टी का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का कोई आदमी बने। प्रियंका ने पहली बार यह बात कही है। यह बात उन्होंने उस वक़्त कही है, जब अटकलें लग रही हैं कि राहुल गांधी की अध्यक्ष पद पर वापसी हो सकती है।
'इंडिया टुमॉरो : कनवरसेशन्स विद द नेक्स्ट जेनरेशन ऑफ पॉलिटिकल लीडर्स' नामक किताब पर भरोसा किया जाए तो प्रियंका गांधी का मानना है कि किसी ग़ैर-गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनना चाहिए और प्रियंका समेत सारे लोग उसकी बातें मानें।
क्या कहा है प्रियंका ने?
इस पुस्तक के मुताबिक़, प्रियंका गांधी ने कहा कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी यही चाहते हैं और उन्होंने ऐसा कहा है। प्रियंका गांधी ने कहा, 'शायद इस्तीफ़े में नहीं, पर किसी और जगह उन्होंने कहा कि हम में से किसी को पार्टी का अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए और इस मुद्दे पर मैं पूरी तरह उनके साथ हूँ।'प्रियंका ने यह भी कहा कि जो भी आदमी कांग्रेस अध्यक्ष बने, पार्टी के सारे लोग उसकी बात मानें। उन्होंने कहा,
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'यदि पार्टी अध्यक्ष कल मुझसे कहें कि वह मुझे उत्तर प्रदेश में नहीं चाहते और मुझे अंडमान निकोबार भेजना चाहते हैं तो मैं खुशी-खुशी अंडमान निकोबार चली जाऊंगी।'
प्रियंका गांधी, महासचिव, कांग्रेस पार्टी
बता दें कि प्रियंका गांधी कांग्रेस महासचिव हैं और उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं। याद दिला दें कि पिछले आम चुनाव में क़रारी हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी की अंदरूनी बैठकों कई बार कहा कि गांधी परिवार से बाहर के किसी आदमी को पार्टी की कमान संभालनी चाहिए। बाद में राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और बहुत मान-मनौव्वल के बाद भी यह ज़िम्मेदारी फिर नहीं ली।
राहुल गांधी ने इस्तीफ़े में यह ज़रूर कहा था कि तमाम बड़े और विवाद के मुद्दों पर वह अकेले सरकार और भारतीय जनता पार्टी से लड़ते रहे, पार्टी के वरिष्ठ सदस्य चुप रहे और उनका साथ नहीं दिया।
प्रियंका गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब पार्टी में इस मुद्दे पर गंभीर मंथन चल रहा है और कई लोग गांधी परिवार से बाहर के व्यक्ति के अध्यक्ष बनन के विकल्प पर अब बोलने भी लगे हैं।
राहुल नहीं तो कोई और
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने राहुल गांधी की तारीफ़ करते हुए कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं और उन्हें यह काम करना ही चाहिए। लेकिन, यदि वे ऐसा नहीं ही करना चाहते हैं तो पार्टी को दूसरे किसी के अध्यक्ष बनने पर भी विचार करना चाहिए और इसके लिए चुनाव होना चाहिए। यही बात कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी भी कह चुके हैं।
कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष नहीं होने से पार्टी को रणनीतिक नुकस़ान हो रहा है। जब कभी किसी मुद्दे पर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर होती है, सत्तारूढ़ दल पलटवार कर कहता है कि ये अपने पार्टी के अध्यक्ष पर तो फ़ैसला कर नहीं पाते हैं, हमारे फ़ैसले पर बोलने का इन्हें क्या हक़ है।
ग़ैर-गांधी को याद कर रही है कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने जिस तरह तेलंगाना में नरसिम्हा राव की जन्मशतवार्षिकी मनाने का फ़ैसला किया है और कर्नाटक में वह अब देवराज अर्स को याद कर रही है, उसे इस दिशा में शुभ संकेत माना जा सकता है। ये दोनों ही नेता गांधी परिवार से बाहर के तो थे ही, उनका गांधी परिवार से 36 का रिश्ता भी जगजाहिर है। देवराज अर्स की इंदिरा गांधी से नहीं बनी तो वह पार्टी छोड़ गए, नरसिम्हा राव की सोनिया गांधी से नहीं बनी तो उन्हें पार्टी में दरकिनार कर दिया गया।पर कांग्रेस पार्टी इन ग़ैर-गांधी नेताओं को बहुत ही सम्मान से याद कर रही है। मुमिकन है कि पार्टी ग़ैर-गांधी को अध्यक्ष चुनने पर भी राजी हो जाए।