कोरोना: मोदी ने मुख्यमंत्रियों से की बात, बोले - युद्धस्तर पर काम करने की ज़रूरत

08:05 pm Apr 02, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कोरोना वायरस के संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के जरिये बातचीत की। वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के बाद सरकार की ओर से जारी किये गये बयान के मुताबिक़, वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व स्तर पर स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने इस वायरस के फिर से लौटने की आशंका जताई। उन्होंने कहा, लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जब लोग बाहर निकलेंगे, उसे लेकर केंद्र और राज्यों को रणनीति बनानी होगी। उन्होंने राज्य सरकारों से इस बारे में सोच-विचारकर सुझाव देने के लिये कहा। 

'वायरस के हॉटस्पाट की पहचान करनी होगी'

मोदी ने लॉकडाउन को सफल बनाने के लिये राज्य सरकारों को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें युद्धस्तर पर काम करने की ज़रूरत है। हमें वायरस के हॉटस्पाट की पहचान करनी होगी और उनकी घेरेबंदी करके यह सुनिश्चित करना होगा कि यह बाहर न फैले। यह वायरस हमारे जीवन के लिये ख़तरा पैदा कर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘हमें राज्य, जिला, कस्बे और ब्लॉक स्तर के समुदाय के नेताओं और सामाजिक संस्थाओं तक पहुंचना चाहिए और इस लड़ाई के ख़िलाफ़ संयुक्त मोर्चा बनाना चाहिए।’ उन्होंने राज्य सरकारों को सुझाव दिया कि वे आयुष योजना के डॉक्टर्स और संसाधनों का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ राज्यों में लॉकडाउन को और सख़्ती से लागू करने की ज़रूरत है। मरकज़ निज़ामुद्दीन प्रकरण के बाद तेज़ी से बढ़े संक्रमित मामलों को लेकर भी बात हुई। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के बाद ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि युद्ध शुरू हो चुका है और हमें कोई ग़लती नहीं करनी है। 

वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग में दिल्ली, तेलंगाना आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश उत्तराखंड, मिज़ोरम, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, बिहार, त्रिपुरा सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। इसमें गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हिस्सा लिया। 

भारत में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को लगभग 400 नये मामले सामने आये हैं और संक्रमित व्यक्तियों का आंकड़ा 2000 से ज़्यादा हो गया है। ऐसे में केंद्र व राज्यों के मिलकर चलने से ही इस लड़ाई को जीता जा सकता है।