
किसानों संगठनों ने देशव्यापी विरोध की घोषणा की, संसद कैंपस में प्रदर्शन
संसद परिसर में गुरुवार को कांग्रेस सांसद प्रदर्शन करते हुए
पंजाब पुलिस ने बुधवार को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर शांतिपूर्ण धरना दे रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया और उसके टेंट वगैरह को उजाड़ दिया। वहां बुलडोजर चलाए गए। किसानों पर पुलिस की कार्रवाई के कुछ घंटों बाद, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने गुरुवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।कुछ किसान नेताओं ने किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, सरवन सिंह पंढेर और अन्य की गिरफ्तारी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पूरे पंजाब में चक्का जाम की घोषणा की है। संसद परिसर में पंजाब के कांग्रेस सांसदों ने इस मुद्दे पर अपना विरोध जताया। बाद में नेता विपक्ष राहुल गांधी भी उनके समर्थन में शामिल हुए।
पंजाब के गांवों में ऐलान हो रहा है कि लोग अपनी नजदीकी सड़कें बंद कर दें। इस बीच कई किसान नेताओं को विरोध प्रदर्शन करने से रोकने के लिए उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है।
पंजाब कांग्रेस के सांसदों ने गुरुवार को राज्य के किसानों पर कार्रवाई के खिलाफ़ संसद में प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे लगाए। राज्य कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग, सांसद गुरजीत औजला, अमर सिंह और अन्य ने किसानों के लिए न्याय की मांग की। वारिंग ने भाजपा और आप के खिलाफ़ नारे लगाए, "हिरासत में लिए गए किसानों को रिहा करो।" कांग्रेस ने किसानों के खिलाफ़ अचानक की गई कार्रवाई के लिए भाजपा और आप को दोषी ठहराया है, जबकि पंजाब की सत्तारूढ़ आप ने कहा है कि किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन करना चाहिए क्योंकि उनके मुद्दे केंद्र के साथ हैं।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के प्रवक्ता गुरदीप सिंह ने कहा कि हिरासत में लिए गए किसान नेताओं ने पुलिस हिरासत में भूख हड़ताल शुरू कर दी है। किसानों के आंदोलन के मद्देनजर संगरूर जिले में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। पटियाला और आसपास के शहरों में बुधवार शाम से इंटरनेट बंद है।
संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय समिति अपनी रणनीति पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को बैठक करने वाली है। इस बैठक में एसकेएम (ऑल इंडिया) के जोगिंदर सिंह उग्राहन, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल और हरिंदर सिंह लखोवाल जैसे नेता शामिल होंगे। पुलिस की कार्रवाई की निन्दा करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने देश भर के किसान संघों से एकजुट होने का आग्रह किया है।
बॉर्डर साफ कराए गए
पुलिस के अनुसार, शंभू बाॉर्डर अब पंजाब की ओर से लगभग साफ हो गया है और उन्होंने हरियाणा को इस बारे में सूचना दे दी है। हरियाणा पुलिस अब अपनी सीमा में स्लैब और बोल्डर हटा रही है। हरियाणा-पंजाब अंतरराज्यीय शंभू सीमा को वाहनों के आवागमन के लिए खोला जाएगा; कंक्रीट स्लैब तोड़ने के लिए मशीनें तैनात की जा रही हैं।
हरियाणा पुलिस ने किसान नेता जसमीत सिंह और तेजवीर सिंह के घर नोटिस भेजा है। उन्हें एसआईटी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है, जो पिछले साल उनके खिलाफ दर्ज मामले की जांच कर रही है। नोटिस में कहा गया है कि अगर वे एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। समझा जाता है कि हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन में शामिल न हों, इसलिए हरियाणा में भी कार्रवाई शुरू की गई है।
हरियाणा पुलिस ने अंबाला जिले में कई किसानों के घऱों के बाहर नोटिस चिपकाए हैं, जिसमें उन्हें उनके खिलाफ मामलों के संबंध में जांच एजेंसियों के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है।
कांग्रेस ने अपने बयान में कहा- पंजाब में किसानों के साथ बर्बरता और अत्याचार की सारी सीमाएं लांघ दी गई। AAP की किसान विरोधी सरकार ने अपनी जायज मांग के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों को बलपूर्वक शंभू बॉर्डर से हटा दिया। AAP की सरकार भी BJP की राह पर चलकर किसानों की आवाज को दबा रही है, उनके अधिकारों को रौंद रही है। आज संसद परिसर में कांग्रेस सांसदों ने किसानों पर हुई इस तानाशाही के खिलाफ प्रदर्शन किया। हम किसानों के साथ खड़े हैं, इस अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
इस बीच पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आर्थिक व्यवधानों का हवाला देते हुए बेदखली का बचाव किया। उन्होंने कहा, "दो राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से उद्योग और व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिन्हें उन्होंने 'राज्य की जीवनरेखा' कहा है।" इसके उलट आम आदमी पार्टी कह रही है कि वे किसानों के साथ है। किसानों के मुद्दे केंद्र से जुड़े हुए हैं, उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन करना चाहिए।