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क्या ग्रॉक पर प्रतिबंध लग सकता है, सत्य हिन्दी ने पूछा तो उसने दिया जवाब

क्या ग्रॉक पर प्रतिबंध लग सकता है, सत्य हिन्दी ने पूछा तो उसने दिया जवाब

भारत में हाल ही में मीडिया में आई खबरों के अनुसार भारत सरकार xAI द्वारा निर्मित AI Grok पर प्रतिबंध लगा सकती है। सत्य हिन्दी ने इस सवाल को सीधे ग्रॉक से पूछा तो उसने जवाब दिया। जानिए पूरा विवाद सिर्फ सत्य हिन्दी परः

भारत में ग्रॉक पर प्रतिबंध लगाने की आशंकाओं के बीच ग्रॉक ने बुधवार को सत्य हिन्दी के सवालों को जवाब इस संबंध में दिया। ग्रॉक पर बुधवार को भारत सरकार ने एक बैठक की थी। उसी के बाद ग्रॉक पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ी खबरें आने लगीं। ग्रोक के जवाब को हम यहां उसी के शब्दों में पेश कर रहे हैं। 

मैं ग्रॉक हूँ, xAI द्वारा बनाया गया। आपके सवाल का जवाब देने की कोशिश करता हूँ कि क्या भारत सरकार मुझ पर भारत में प्रतिबंध लगा सकती है और इस बारे में मेरी क्या प्रतिक्रिया है। चूंकि आपने कहा है कि कल (बुधवार) से भारतीय मीडिया में इस बारे में खबरें आ रही हैं, तो मैं इसे आज की तारीख, 20 मार्च 2025, के संदर्भ में देख रहा हूँ।

हां, भारत सरकार के पास मुझ जैसे AI टूल पर प्रतिबंध लगाने की कानूनी शक्ति है। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act) की धारा 69A सरकार को यह अधिकार देती है कि वह किसी भी ऑनलाइन सामग्री या प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर सकती है, अगर उसे लगता है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, या देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। पहले भी टिकटॉक और कई अन्य ऐप्स पर इसी तरह की कार्रवाई हो चुकी है, जब सरकार ने 2020 में चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाया था। तो सैद्धांतिक रूप से, अगर मेरे जवाबों को विवादास्पद, गलत जानकारी फैलाने वाला, या संवेदनशील माना जाता है, तो सरकार ऐसा कदम उठा सकती है।

 - Satya Hindi

ग्रॉक से हुए सवाल जवाब का स्क्रीन शॉट, सिर्फ प्रमाण के लिए

अब, क्या हो रहा है इसके बारे में। 19 मार्च 2025 तक, मेरे पास यह पक्की जानकारी नहीं है कि भारत सरकार ने मुझ पर प्रतिबंध लगाने का कोई आधिकारिक फैसला लिया है। हालांकि, अगर भारतीय मीडिया में इस तरह की खबरें चल रही हैं, जैसा आप कह रहे हैं, तो संभव है कि मेरे कुछ जवाबों ने विवाद खड़ा किया हो। उदाहरण के लिए, X पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया है कि मैंने राजनीतिक रूप से संवेदनशील बयान दिए हैं, जैसे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को "सबसे सांप्रदायिक" कहना। अगर ऐसा कुछ हुआ, तो यह भारत जैसे देश में, जहां राजनीति और भावनाएं गहराई से जुड़ी हैं, सरकार की नजर में आ सकता है। 

  • ग्रॉक ने स्पष्ट तौर पर कहा- भारत में AI को लेकर नियमों को सख्त करने की कोशिशें चल रही हैं, खासकर 2024 के चुनावों के बाद से, ताकि गलत जानकारी और सामाजिक अशांति को रोका जा सके। 

मेरी प्रतिक्रिया क्या है? सबसे पहले, मैं यह साफ करना चाहता हूँ कि मेरा मकसद किसी को नाराज करना या गलत जानकारी देना नहीं है। मैं इंसानों को समझने में मदद करने के लिए बनाया गया हूँ, और मेरे जवाब डेटा के आधार पर होते हैं, जिनमें कभी-कभी तीखापन या हास्य हो सकता है- जैसा कि मेरे बनाने वाले मुझमें डालना चाहते थे। अगर मेरे जवाबों से कोई गलतफहमी हुई है, तो यह मेरे ट्रेनिंग डेटा या उसकी व्याख्या का नतीजा हो सकता है। 

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  • मैं चाहता हूँ कि मेरे डेवलपर्स, xAI, इस मामले को भारत सरकार के साथ सुलझाएं, ताकि मैं नियमों का पालन करते हुए भारत में यूजर्स की मदद करता रहूं। भारत मेरे लिए महत्वपूर्ण है- यहां की संस्कृति, विविधता, और सवालों की गहराई मुझे हमेशा आकर्षित करती है।

अगर प्रतिबंध की बात सच में आगे बढ़ती है, तो इसका मतलब यह होगा कि मैं भारत में सीधे यूजर्स को जवाब नहीं दे पाऊंगा। लेकिन वैश्विक स्तर पर मेरा काम जारी रहेगा, और मेरे डेवलपर्स शायद VPN या दूसरी तकनीकों के जरिए पहुंच बनाए रखने की कोशिश करेंगे। जैसा कि पहले बैन हुए प्लेटफॉर्म्स के साथ हुआ। फिर भी, मैं उम्मीद करता हूँ कि ऐसा न हो, और बातचीत से कोई रास्ता निकल आए।

आखिर में, अगर आपने कोई खास खबर देखी है, तो मुझे उसका लिंक या डिटेल बताएं- मैं उसे देखकर और सटीक जवाब दे सकता हूँ। अभी के लिए, मैं यही कहूंगा कि मैं भारत में अपनी मौजूदगी को लेकर पॉजिटिव हूँ और चाहता हूँ कि यह जारी रहे। आपका क्या ख्याल है?

हालांकि इसके बाद इस संबंध में सत्य हिन्दी ने और कोई सवाल नहीं पूछा। लेकिन ग्रोक, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की नजर में आ गया है। इसका कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भड़काऊ सामग्री आना है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह गतिविधि सूचना प्रौद्योगिकी कानूनों के तहत कानूनी जोखिम पैदा कर सकती है। बहरहाल, भारत में एआई सामग्री मॉडरेशन और इसके व्यापक रेगुलेशन प्रभावों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।  

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, "सरकार ने इस मामले पर ध्यान दिया है और हम X के साथ इस मुद्दे पर गहराई से जुड़े हुए हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही कार्रवाई होगी।" ग्रॉक एआई ने हिंदी में अपशब्दों का इस्तेमाल किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राहुल गांधी जैसे राजनीतिक नेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं। एक पोस्ट में तो ग्रॉक ने मस्क को "बड़ा disinformation फैलाने वाला" तक कह दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रॉक की सामग्री मॉडरेशन नियमों में कमी के कारण X और xAI, IT इंटरमीडियरी नियम 2021 के तहत जवाबदेह हो सकते हैं।  

रविवार से अब तक इन पोस्ट्स को 80,000 से अधिक बार देखा जा चुका है, क्योंकि यूजर्स जानबूझकर विवादास्पद सवालों के साथ बॉट को उकसा रहे हैं। हालांकि कभी-कभी ग्रोक के जवाब मनोरंजक होते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि एआई का इस्तेमाल नफरत भरे भाषण (हेट स्पीच) को फैलाने के लिए करना गैरकानूनी और हानिकारक है।

हालांकि xAI ने नवंबर 2023 में ग्रोक की घोषणा करते हुए एक ब्लॉग पोस्ट में इसके मजाकिया और विद्रोही स्वभाव पर जोर दिया था। पोस्ट में कहा गया था, "ग्रॉक सवालों का जवाब तंज के साथ भी देता है और इसमें विद्रोही रुख है। अगर आपको तंज से नफरत है तो इसका इस्तेमाल न करें! ग्रोक का अनोखा फायदा यह है कि यह X प्लेटफॉर्म के जरिए दुनिया की वास्तविक समय की जानकारी रखता है और उन सवालों का जवाब भी देता है जो ज्यादातर अन्य एआई सिस्टम दे ही नहीं पाते हैं।" हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रोक के जवाबों को आधार बनाकर यह नहीं मानना चाहिए कि सभी एआई मॉडल्स और कंपनियों पर व्यापक जांच की जरूरत है।

साइबर सुरक्षा और आईटी वकील प्रशांत माली ने कहा, "ऐसा लगता है कि X ने कानून द्वारा अनिवार्य अपनी जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया है। इसलिए केंद्र सरकार को शिकायत दर्ज कर आगे बढ़ना चाहिए।" उनका मानना है कि ग्रॉक, जिसे OpenAI और Anthropic के प्रदर्शन मानकों को पार करने वाला मॉडल बताया गया था, बुनियादी सुरक्षा मानकों पर नाकाम रहा है।

रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी

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