भारत और मालदीव के बीच पिछले क़रीब एक साल से चल रहे ख़राब संबंध अब फिर से सुधरते दिख रहे हैं। भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को व्यापक चर्चा की और दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। मुइज्जू ने डैमेज कंट्रोल करते हुए मालदीव के लिए उदार सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया और इसको प्रमुख साझीदार क़रार दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्ज़ू के साथ बैठक के दौरान भारत की 'पड़ोसी पहले' नीति और सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) दृष्टिकोण में मालदीव की महत्वपूर्ण भूमिका बताई। दोनों नेताओं ने देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों की अवधि के बाद द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर चर्चा की।
पीएम मोदी ने कहा, 'भारत और मालदीव के संबंध सदियों पुराने हैं। भारत मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और करीबी दोस्त है। मालदीव हमारी पड़ोस नीति और सागर दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारत ने हमेशा मालदीव के लिए फर्स्ट रिस्पांडर की भूमिका निभाई है।'
पीएम ने कहा, 'चाहे मालदीव के लोगों के लिए ज़रूरी सामानों की ज़रूरत पूरी करनी हो, प्राकृतिक आपदा के समय पीने का पानी उपलब्ध कराना हो, कोविड के समय वैक्सीन देने की बात हो, भारत ने हमेशा अपने पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है।'
मोदी ने कहा, "आज, हमने पुनर्विकसित हनीमाधु एयरपोर्ट का उद्घाटन किया है। अब, ग्रेटर ‘माले’ कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में भी तेजी लाई जाएगी। थिलाफुशी में नए कॉमर्शियल पोर्ट के विकास में भी सहयोग दिया जायेगा। आज, भारत के सहयोग से बनाये गए 700 से अधिक सोशल हाउसिंग यूनिट्स सौंपे गए हैं।"
पीएम ने कहा, 'मालदीव में RuPay कार्ड लॉन्च किया गया है। आने वाले समय में, भारत और मालदीव को यूपीआई से भी जोड़ने के लिए काम किया जायेगा।'
हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता के बाद मुइज्जू ने कहा, 'मालदीव हमारे देशों और हमारे क्षेत्र में शांति और विकास के हमारे साझा दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध एक मित्र बना रहेगा।' उन्होंने मोदी को अगले साल राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए मालदीव आने का निमंत्रण भी दिया।
दोनों नेताओं ने मुद्रा विनिमय सहित पांच समझौतों का आदान-प्रदान भी किया। अन्य समझौते न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण, भ्रष्टाचार की रोकथाम, कानून प्रवर्तन प्रशिक्षण, खेल और युवा मामलों पर हैं।
मालदीव के लिए आर्थिक मदद पर मुइज्ज़ू ने कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी, सरकार और भारत के लोगों को पिछले कुछ वर्षों में मालदीव को दी गई उदार सहायता और सहयोग के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं, जिसमें टी (ट्रेजरी) बिलों के रोलओवर के रूप में हाल ही में बजटीय सहायता भी शामिल है। मैं 400 मिलियन डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौते के अलावा 30 बिलियन रुपये के रूप में सहायता प्रदान करने के भारतीय सरकार के फैसले के लिए आभारी हूं, जो अभी हमारे सामने आने वाले विदेशी मुद्रा मुद्दों को हल करने में सहायक होगा।'
भारत ने पहले ही माले को विभिन्न बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं के लिए 1.4 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता की पेशकश की है।
भारत के साथ संबंध ख़राब क्यों हुए थे?
जिस मुइज्जू का पीएम मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत किया उनकी ही नीति की वजह से भारत-मालदीव के संबंध हाल में ख़राब हो गए थे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के साथ तनाव के बीच हाल ही में चीन की यात्रा से लौटते ही कहा था कि भारत सरकार 15 मार्च से पहले द्वीपसमूह राष्ट्र से अपनी सैन्य उपस्थिति हटा ले।
पर्यटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने वाले मालदीव के मंत्रियों की अपमानजनक टिप्पणियों के बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण राजनयिक संबंध और भी बिगड़ गए थे। भारत-मालदीव संबंध हाल ही में तब और खराब हो गए थे जब मालदीव के नेताओं, मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा का मजाक उड़ाया था। इंटरनेट पर कई लोगों द्वारा लक्षद्वीप के प्राचीन समुद्र तटों की तुलना मालदीव से किए जाने के बाद मालदीव के मंत्रियों ने अपमानजनक टिप्पणियों के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
इस पर भारत की ओर से तीखी आलोचना हुई और कई लोगों ने मालदीव के बहिष्कार का आह्वान किया। भारत ने आधिकारिक तौर पर मालदीव के साथ इस मुद्दे को उठाया और तीन मंत्रियों, मालशा शरीफ, मरियम शिउना और अब्दुल्ला महज़ूम माजिद को मुइज्जू सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया।
नवंबर 2023 में मालदीव के नए राष्ट्रपति बने मुइज्जू ने भारत के साथ संबंधों को कम करने और चीन के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए अभियान चलाया हुआ था। उन्होंने आधिकारिक तौर पर भारत से देश में तैनात सैन्य कर्मियों को वापस लेने का अनुरोध किया था। अक्टूबर महीने में राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद मुइज्जू ने कहा था कि लोग नहीं चाहते हैं कि भारत के सैनिकों की मौजूदगी मालदीव में हो और विदेशी सैनिकों को मालदीव की ज़मीन से जाना होगा।
भारत मालदीव के राष्ट्रीय रक्षा बल के लिये सबसे बड़ी संख्या में प्रशिक्षण देता है और उनकी लगभग 70% रक्षा प्रशिक्षण ज़रूरतों को पूरा करता है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब्दु और लम्मू द्वीप में 2013 से ही भारतीय नौसैनिकों और एयरफ़ोर्स कर्मियों की मौजूदगी रही है। नवंबर 2021 में मालदीव नेशनल डिफेंस फ़ोर्स ने संसदीय कमिटी से कहा था कि मालदीव में कुल 75 भारतीय सैन्यकर्मी मौजूद थे।