केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बैन लगाने का नोटिफिकेशन बुधवार 28 सितंबर को सुबह 5.45 बजे जारी किया। लेकिन गृह मंत्रालय के निर्देश पर पीएफआई के दफ्तरों पर मंगलवार से ही केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए थे। इस बीच केरल के अलपुझा में पीएफआई के महासचिव अब्दुल सत्तार को गिरफ्तार किया गया है। मुंबई में पीएफआई के दफ्तर से होर्डिंग हटाया गया।
शाहीनबाग में पीएफआई का मामूली दफ्तर है लेकिन वहां ड्रोन से निगरानी की जा रही है। इसी तरह कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल आदि में पीएफआई दफ्तरों पर सरकार की निगरानी है। दूसरी तरफ नागपुर में आरएसएस दफ्तरों की निगरानी बढ़ा दी गई है। संघ के दफ्तरों की सुरक्षा सीआईएसएफ कर रही है। लेकिन अतिरिक्त बल भी तैनात किए गए हैं। हालांकि नागपुर पुलिस का कहना है कि पीएफआई बैन से संघ मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ाने का कोई संबंध नहीं है। केरल में संघ के दफ्तरों पर हाल ही में बम फेंके गए थे, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ था।
पीएफआई पर बैन लगाने की प्रक्रिया कई दिनों से चल रही थी। 22 सितंबर और 27 सितंबर को दो राउंड में इसके लगभग सभी प्रमुख पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन इसके बावजूद गृह मंत्रालय बैन का नोटिफिकेशन जारी करने में देरी कर रहा था। काफी माथापच्ची के बाद उसे बुधवार सुबह जारी किया गया।
दिल्ली के शाहीनबाग में पीएफआई दफ्तर के बाहर मीडियाकर्मी
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार शाम को ओखला और शाहीनबाग इलाके से करीब 32 लोगों की गिरफ्तारी की थी। लेकिन वहां पहले धारा 144 लागू की गई, ताकि कोई प्रदर्शन नहीं हो सके। किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस सतर्क है। वह पीएफआई कार्यालय के ठीक बगल की सड़कों पर गश्त करने के अलावा शाहीन बाग इलाके पर नजर रखने के लिए 'ड्रोन' का भी इस्तेमाल कर रही है।
क्या बरामद हुआ
पीएफआई को लेकर जांच एजेंसियों का दावा है कि उसने इसके सदस्यों के पास से बम बनाने का फॉर्म्युला बरामद किया है। पीएफआई पर बैन की घोषणा के बाद जांच एजेंसियों ने कथित आतंकवादी गतिविधियों के सबूत मीडिया से साझा किया। जिसमें आईईडी, विस्फोटक उपकरण का इस्तेमाल करके बम बनाने की निर्देश पुस्तिकाएं शामिल थीं। एजेंसी के अधिकारियों ने दावा किया, ऐसा ही एक दस्तावेज उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से पीएफआई नेता मोहम्मद नदीम के पास से बरामद किया गया है। इसी तरह का दस्तावेज़ अहमद बेग नदवी, पीएफआई नेता, खदरा, यूपी से बरामद किया गया था।
एजेंसियों का कहना है कि पीएफआई और उसके विभिन्न फ्रंट संगठनों की देश के 17 से अधिक राज्यों में मौजूदगी थी। एनआईए द्वारा विभिन्न राज्यों में पीएफआई और उसके फ्रंट संगठनों के कैडरों के खिलाफ 1,300 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। पीएफआई महाराष्ट्र के उपाध्यक्ष के कब्जे से मिशन 2047 से संबंधित ब्रोशर मिला, जिसमें भारत को इस्लामिक राज्य (गजवा-ए-हिन्द) में परिवर्तित करने के लिए तमाम बातें कही गई हैं। पेन ड्राइव में वीडियो आदि भी इसी से संबंधित मिले हैं।
हालांकि पीएफआई की राजनीतिक शाखा, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने कहा कि बीजेपी सरकार द्वारा प्रतिबंध लोकतंत्र और भारतीय संविधान में निहित लोगों के अधिकारों पर सीधा हमला है। पीएफआई महासचिव मोहम्मद अनीस ने पिछले दिनों बीबीसी को दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि उनके संगठन का भारतीय संविधान में अटूट विश्वास है। वो भारतीय मुसलमानों में जागरूकता फैलाने और उन्हें अधिकारों के बारे में सचेत करने की मुहिम चलाते हैं।