मुकेश चंद्राकर की हत्या पर PCI ने मांगी रिपोर्ट; क्या अब पत्रकारों की सुरक्षा होगी?

11:27 am Jan 05, 2025 | सत्य ब्यूरो

छत्तीसगढ़ के बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया यानी पीसीआई ने छत्तीसगढ़ सरकार से रिपोर्ट मांगी है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और एडिटर्स गिल्ड जैसे पत्रकार संगठनों ने भी उनकी हत्या पर दुख जताया है और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए इसे सचेत करने वाली घटना के रूप में लेने का आग्रह किया है। 

प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने छत्तीसगढ़ में एक पत्रकार की संदिग्ध हत्या पर चिंता व्यक्त की है। पीसीआई ने एक बयान में कहा है कि पीसीआई की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने बस्तर में मुकेश चंद्राकर की मौत का स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से मामले के तथ्यों पर रिपोर्ट मांगी।

इससे पहले प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा कि मुकेश चंद्राकर की हत्या की ख़बर सुनकर गहरा सदमा लगा है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी द्वारा जारी बयान में कहा गया है, 'हम इस हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और दोषियों के खिलाफ तय समय में कार्रवाई की मांग करते हैं। क्लब प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से मामले का संज्ञान लेने और राज्य सरकार से उचित कार्रवाई करने की मांग करता है।' 

बयान में आगे कहा गया कि छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग से रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर हमले और उनकी हत्याएं कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, वह अस्वीकार्य है और इसे प्रभावी ढंग से निपटा जाना चाहिए। बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार को पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने की स्थानीय पत्रकारों की लंबे समय से चली आ रही मांग पर तुरंत गौर करना चाहिए। 

DIGIPUB ने भी स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की निंदा करते हुए बयान जारी किया है और पत्रकारों की सुरक्षा की मांग की है। इसने कहा है कि हाल के दिनों में प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत की रैंकिंग गिरी है। 

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि मुकेश चंद्राकर की संदिग्ध हत्या की रिपोर्ट से वह बहुत क्षुब्ध है। साथ ही इसने कहा कि युवा पत्रकार की मौत गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि इससे गड़बड़ी का संदेह पैदा होता है। एडिटर्स गिल्ड छत्तीसगढ़ सरकार से मामले की तेजी से जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ने की मांग करता है। एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष अनंत नाथ और अन्य पदाधिकारियों ने कहा, 'पत्रकारों की सुरक्षा- खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में काम करने वाले पत्रकारों की- सबसे महत्वपूर्ण है और एडिटर्स गिल्ड मांग करता है कि देश भर के अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें कि किसी भी पत्रकार को अपने पेशेवर कर्तव्यों का निर्वहन करने में कोई नुकसान या बाधा न पहुंचे।' 

उन्होंने कहा, 'एक स्वतंत्र प्रेस जिसे बिना किसी डर के काम करने की अनुमति है, किसी भी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। एडिटर्स गिल्ड चंद्राकर की मौत पर शोक व्यक्त करता है, लेकिन उम्मीद करता है कि अप्राकृतिक हालात में उनकी मौत एक चेतावनी होगी और पत्रकारों की सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय किए जाएंगे। देश को चंद्राकर की मौत को पूरी तरह से व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए।'

बता दें कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के सिलसिले में तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस के अनुसार, अब तक पहचाने गए चार आरोपियों में कंस्ट्रक्शन ठेकेदार भाई रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर और सुरेश चंद्राकर व उनका कर्मचारी महेंद्र रामटेके शामिल हैं। सुरेश चंद्राकर फरार है जबकि अन्य तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मुकेश चंद्राकर का शव शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक ठेकेदार के ठिकानों पर बने सेप्टिक टैंक में पाया गया। वो दो दिनों से लापता थे।

पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने कई संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर वीडियो जर्नलिस्ट थे। 

एनडीटीवी ने बीजापुर पुलिस का हवाला देते हुए बताया कि मुकेश का शव एक सेप्टिक टैंक में मिला था जिसे कंक्रीट से ताजा-ताजा सील किया गया था। मुकेश को आखिरी बार 1 जनवरी की शाम को देखा गया था। उनके बड़े भाई और एक टेलीविजन पत्रकार युकेश चंद्राकर ने अगले दिन पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। मोबाइल ट्रैकिंग के आधार पर पुलिस को मुकेश का शव चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के ठिकाने पर मिला।

युकेश की शिकायत में मुकेश द्वारा रिपोर्ट की गई एक हालिया रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है, जिसमें गंगालूर से नेलासनार गांव तक सड़क के निर्माण में कथित गड़बड़ियों को उजागर किया गया है। इस रिपोर्ट के बाद परियोजना की जांच के आदेश दिए गए। युकेश ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर सहित तीन व्यक्तियों पर धमकियाँ देने के आरोप का हवाला भी दिया है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित करने की घोषणा की।