संसद में बुधवार को तब अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब दो लोग सुरक्षा को भेदते हुए लोकसभा में घुस गए और आँसू गैस जैसी कोई चीज छोड़ी। इससे धुआँ निकल रहा था। एक रिपोर्ट के अनुसार दो लोग बुधवार को लोकसभा में घुस गए और कनस्तर खोल दिए जिससे पीला रंग का धुआं निकला। टेलीविज़न फ़ुटेज में वे एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूदते हुए और सदन के वेल की ओर जाते हुए दिखे। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सदन के अंदर मौजूद सदस्यों ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि वे (प्रदर्शनकारी) 'ताना शाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगा रहे थे। उन्हें हिरासत में लिया गया है। इसी बीच सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी। रिपोर्ट के अनुसार दो और प्रदर्शनकारियों को संसद भवन के बाहर रोके जाने की ख़बर है।
सदन के सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति गहरे नीले रंग की शर्ट पहने हुए दिखा। वह पकड़े जाने से बचने के लिए डेस्क के ऊपर छलांग लगाता हुआ दिखाई दिया, जबकि दूसरा गैलरी में दिखा जहाँ से धुआं उठते दिख रहा था। दोनों को लोकसभा सांसदों और सुरक्षा कर्मचारियों ने काबू कर लिया।
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा साझा किए गए वीडियो में लोकसभा के एक अधिकारी कुछ पढ़ रहे थे तभी अचानक चिल्लाने की आवाजें सुनाई दीं, 'उसे पकड़ो, उसे पकड़ो'।
बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने एनडीटीवी से कहा कि झड़प के बाद एक विजिटर पास बरामद हुआ था और यह बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय द्वारा जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी पास जारी करे, किसी भी विजिटर को संसद के अंदर जाने से पहले पांच स्तरों की सुरक्षा से गुजरना होता है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'दो युवक गैलरी से कूद गए और उनके द्वारा कुछ फेंका गया जिससे गैस निकल रही थी। उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया और उन्हें सुरक्षाकर्मियों द्वारा बाहर लाया गया। सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। यह निश्चित रूप से एक सुरक्षा चूक है क्योंकि आज हमने उन लोगों की बरसी मनाई है जिन्होंने 2001 में अपने प्राणों की आहुति दी थी।'
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कनस्तरों से पीला धुआं निकल रहा था और उन्होंने चिंता जताई कि यह जहरीला हो सकता है। उन्होंने कहा, 'अचानक लगभग 20 साल के दो युवक दर्शक दीर्घा से सदन में कूद पड़े और उनके हाथ में कनस्तर थे। ये कनस्तर पीला धुआं छोड़ रहे थे। उनमें से एक अध्यक्ष की कुर्सी की ओर भागने का प्रयास कर रहा था। वे कुछ नारे लगा रहे थे। धुआं जहरीला हो सकता था। यह सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है, खासकर 13 दिसंबर को, जिस दिन 2001 में संसद पर हमला हुआ था।'
संसद में क्या हुआ था 2001 में?
ठीक 22 साल पहले संसद पर आतंकवादी हमला हुआ था। उस समय लोकसभा और राज्यसभा स्थगित थी लेकिन 100 से ज्यादा बड़े लोग संसद भवन के भीतर मौजूद थे। तब गृहमंत्रालय का फर्जी स्टीकर लगाए एक सफेद एम्बेसडर कार संसद भवन में घुसी थी। उस हमले में सुरक्षाकर्मियों समेत नौ लोग मारे गए थे, 18 घायल हुए थे। गनीमत रही कि कोई सांसद इन आतंकियों का निशाना नहीं बना। संसद की कार्यवाही स्थगित हुए क़रीब 40 मिनट हो चुके थे। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, विपक्ष की नेता सोनिया गांधी समेत तमाम सांसद निकल चुके थे।
संसद भवन में जब कार घुसी थी तो वे आतंकवादी गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों को चकमा देने में कामयाब रहे थे। कार भीतर पांच लोग बैठे हुए थे। अंदर के रास्ते पर इनकी गाड़ी गलती से एक कार से टकरा गई थी। तभी उस सफेद एम्बेसडर कार के भीतर से एके-47 राइफलें, ग्रेनेड लॉन्चर्स, पिस्टल और हैंडगंस का जखीरा लिए आतंकवादी बाहर निकले। पांचों ने बाहर निकलते ही गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। क़रीब 45 मिनट तक संसद परिसर जंग का मैदान बना रहा था। आख़िर में सुरक्षा बलों ने पाँचों आतंकवादियों को मार गिराया था।