यूएन में फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा, अस्पताल पर हमले को लेकर झूठ बोल रहे नेतन्याहू 

07:28 pm Oct 19, 2023 | सत्य ब्यूरो

संयुक्त राष्ट्र संघ में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने बुधवार को इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर गाजा शहर के एक अस्पताल में हुए घातक विस्फोट के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया है। इस हमले में करीब 500 लोग मारे गए थे। 

इस अस्पताल पर हवाई हमले के बाद से हमास और इजराइल के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने कहा है कि यह विस्फोट इजरायली हवाई हमले का नतीजा था।

वहीं इज़रायल की सेना ने आरोपों से इनकार किया है और दावा किया कि फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा एक असफल मिसाइल हमले में अस्पताल पर हमला किया गया था।

इजरायली सेना के दावे का प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समर्थन किया है और हमले के लिए इस्लामिक जिहाद आतंकवादियों को दोषी ठहराया है। 

उन्होंने इसको लेकर दावा करते हुए कहा था कि आईडीएफ परिचालन प्रणालियों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि गाजा में आतंकवादियों द्वारा रॉकेट हमला किया गया था उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसको लेकर एक पोस्ट भी किया था। 

उन्होंने कहा, कि हमारे हाथ लगे कई स्रोतों से मिली खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि गाजा में अस्पताल पर हमला करने वाले असफल रॉकेट प्रक्षेपण के लिए इस्लामिक जिहाद जिम्मेदार है।

उन्होंने कहा था कि गजा के अस्पतालों को खाली कर दें

बेंजामिन नेतन्याहू के दावों का यूएन में फिलिस्तीनी राजदूत रियाद मंसूर ने जोरदार खंडन किया है। 

मंसूर ने कहा है कि वह झूठे हैं। उनके डिजिटल प्रवक्ता ने ट्वीट किया था कि इज़रायल ने यह सोचकर हमला किया कि इस अस्पताल के आसपास हमास का आधार था।

 हमले के बाद उसने वह ट्वीट हटा दिया। हमारे पास उस ट्वीट की एक प्रति है। अब उन्होंने फ़िलिस्तीनियों पर दोष मढ़ने की कोशिश करने के लिए कहानी बदल दी। । 

फ़िलिस्तीनी राजदूत ने आगे कहा, “इजरायली सेना के प्रवक्ता ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गजा के अस्पतालों को खाली कर दें। उनका इरादा खाली करना है या अस्पतालों पर हमला करना। 

वे उस अपराध के लिए जिम्मेदार हैं। वे इससे निपटने के लिए कहानियां नहीं बना सकते। 

दूसरी ओर इज़रायली सरकार ने फ़िलिस्तीनी राजदूत के इन विशिष्ट आरोपों का अभी तक जवाब नहीं दिया है।ईसाइयों द्वारा संचालित इस अस्पताल में हुई इस घटना के कारण इसकी व्यापक अंतरराष्ट्रीय निंदा हुई है।

यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा, "इस अपराध की जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से स्थापित की जानी चाहिए और अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"

वहीं इस अस्पताल पर हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी इसकी निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि इस हमले से वे "क्रोधित और अत्यंत दुखी" हैं। पूरी दुनिया में इस हमले के खिलाफ लोग मंगलवार की रात से ही सड़कों पर उतरने लगे थे। पूरी दुनिया ने अस्पताल पर हुए इस हमले को गलत कहा है

इस हमले के बाद पूरे मध्य पूर्व में हुआ विरोध प्रदर्शन

गजा के अस्पताल पर हवाई हमले किसने किये यह तो जांच का विषय है और इसको लेकर दोनों ही पक्षों की ओर से अपने-अपने दावे हैं। लेकिन इस हमले ने पूरे मध्य पूर्व को गम और गुस्से से भर दिया है। हमले के बाद मंगलवार की रात ही विभिन्न देशों में लोग सड़कों पर निकले और विरोध प्रदर्शन किया था। 

बुधवार को पूरे मध्य पूर्व में लोगों का आक्रोश दिखा था। इस इलाके के कई देशों में आम लोग सड़कों पर उतर कर इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे। लोगों ने जमकर नारेबाजी की और फिलिस्तीन के प्रति अपनी एकजुटता दिखायी थी। 

अलजजीरा की वेबसाइट के मुताबिक गाजा पट्टी के अस्पताल पर हमले और इसमें करीब 500 लोगों की मौत के विरोध में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देशों में हजारों लोगों ने बुधवार को प्रदर्शन किया था।  

"क्रोध दिवस" ​​के आह्वान के बाद, लेबनान, जॉर्डन, यमन, मिस्र, ट्यूनीशिया और कब्जे वाले वेस्ट बैंक में लोग अल-अहली अरब अस्पताल पर हमले की निंदा करने और गाजा में फिलिस्तीनियों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए बुधवार को सड़कों पर उतर आए थे।  

बुधवार को जॉर्डन की राजधानी अम्मान में अमेरिकी और इजरायली दूतावासों के बाहर हजारों लोग जमा हो गए थे। देश में इस्लामी पार्टियों ने आम हड़ताल का आह्वान किया है जबकि जॉर्डन सरकार ने तीन दिन के शोक की घोषणा की है।  

लेबनान की राजधानी बेरूत में, प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों से बुधवार को झड़प हो गई थी। ट्यूनीशिया की राजधानी ट्यूनिस में  प्रदर्शनकारी फ्रांसीसी दूतावास के बाहर एकत्र हुए और जमकर नारेबाजी की थी। 

काहिरा, अलेक्जेंड्रिया और मिस्र के अन्य शहरों में छात्रों ने इजराइल के हवाई हमलों की निंदा करने के लिए विश्वविद्यालयों में जुलूस निकाला और नारे लगाए थे। हमले की सूचना मिलते ही मंगलवार रात भर तुर्की, मोरक्को, लीबिया और ईरान में भी प्रदर्शन हुए थे।