जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र से उपर हमारी पहचान भारत का नागरिक होना है : राष्ट्रपति 

10:29 pm Aug 14, 2023 | सत्य ब्यूरो

77 वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संदेश दिया है। उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। । 

स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है। यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों का समुदाय है। औपनिवेशिक शासन ने इसे खत्म करने की कोशिश की थी। 

उन्होंने कहा कि जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और कार्य-क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है। लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, और हमारी वह पहचान है, भारत का नागरिक होना। 15 अगस्त 1947 को हम आजाद हुए। हमारा स्वाधीनता आंदोलन अद्भुत था। महान सभ्यता के मूल्यों को जन-जन में ले गए। हमारे स्वाधीनता संग्राम के मूल्यों सत्य-अहिंसा को पूरी दुनिया में अपनाया गया है

गांधीजी ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया

राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी और अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया।  हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया। उन्होंने कहा कि मैं सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दें। मैं चाहूंगी कि हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ, हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें। 

राष्ट्रपति ने कहा कि, आज महिलाएं हर क्षेत्र में बढ़-चढ़कर योगदान दे रही हैं और देश का गौरव बढ़ा रही हैं। मुझे प्रसन्नता होती है कि महिलाओं की आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान रखा जा रहा है। अपनी यात्राओं के दौरान मैंने नए गौरव का भाव देखा है। भारत दुनिया में मानवीय मूल्यों को स्थापित करने में अग्रणी योगदान दे रहा है।  

भारत, पूरी दुनिया में, विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कहा कि,  G20 समूह दुनिया की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए यह हमारे लिए वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का यह एक अद्वितीय अवसर है। 

भारत ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है

राष्ट्रपति ने कहा, कि भारत ने चुनौतियों को अवसरों में बदला है। प्रभावशाली जीडीपी ग्रोथ भी दर्ज की है। हमारा देश सभी मोर्चों पर प्रगति कर रहा है। आज दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाएं खराब दौर से गुजर रही हैं। हमारी सरकार कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम रही है। मुद्रास्फीति चिंता का विषय है, लेकिन हमारी सरकार ने इसके लिए भी प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रसर है।  देश में जरूरतमंदों की सहायता के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। पिछले दशक में लोगों का गरीबी से निकलना संभव हो पाया है।  

दुनिया को हमने लाइफ फॉर एन्वायरमेंट का मंत्र दिया है

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जिस बात पर हम सभी को ध्यान देना चाहिए वह है जलवायु परिवर्तन। बीते वर्षों में कहीं बहुत बारिश हुई तो कहीं सूखे का सामना करना पड़ा है। ये सब ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हुआ। दुनिया को हमने लाइफ फॉर एन्वायरमेंट का मंत्र दिया है। लोभ की प्रकृति हमें प्रकृति से दूर करती है। उन्होंने कहा कि कई जनजाति समुदाय आज भी प्रकृति से गहरे जुड़े हैं। जनजातीय समुदाय के प्रकृति से संबंध और अपना अस्तित्व बनाए रखने को एक शब्द में समझाया जा सकता है वह है हमदर्दी। महिलाएं इस हमदर्दी को ज्यादा गहराई से महसूस करती हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने आदिवासी भाई-बहनों से अपील करती हूं कि आप सभा अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं। 

इसरो नई ऊंचाइयों को छू रहा है 

राष्ट्रपति ने कहा कि इसरो नई ऊंचाइयों को छू रहा है और उत्कृष्टता के नए आयाम स्थापित कर रहा है।  इसरो ने चंद्रयान 3 लॉन्च किया है जो चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। चंद्रमा का अभियान अंतरिक्ष के हमारे भावी कार्यक्रमों के लिए केवल एक सीढ़ी है, हमें बहुत आगे जाना है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान, नई तकनीक और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए, अगले पांच सालों में 50,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ सरकार द्वारा अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन स्थापित किया जा रहा है। यह फाउंडेशन हमारे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों में रिसर्च और डेवलपमेंट को आधार प्रदान करेगा, उन्हें विकसित करेगा और आगे ले जाएगा। 

यह मुझे बचपन की याद भी दिला रहा है

राष्ट्रपति ने कहा है कि सभी देशवासी उत्साह के साथ अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। ये मुझे बचपन की याद भी दिला रहा है जब तिरंगा फहराया जाता था, तो लगता था कि शरीर में बिजली कौंध गई हो। ये सब उत्साह से भर देता था। यह स्वतंत्रता दिवस हमें ये याद दिलाता है कि हम व्यक्ति नहीं हैं, हम विश्व के सबसे बड़े नागरिक समुदाय हैं।