“किसने हथियार दिये उनको इस जुलूस में ले जाने के लिए? जुलूस में कोई तलवार ले के जाता है? लाठी-डंडे ले के जाता है जुलूस के लिए उन्हें हथियार किसने दिए? तलवार या लाठियां लेकर जुलूस में कौन जाता है? यह गलत है। इस तरफ से भी उकसावे की कार्रवाई हुई। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि दूसरी तरफ से कोई उकसावे की कार्रवाई नहीं हुई।'' यह कहना है गुड़गांव के भाजपा सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह का। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में ये सारे आरोप लगाए।
केंद्रीय मंत्री ने लड़कों के बीच एक छोटी सी लड़ाई को भी जिम्मेदार ठहराया, जिन्होंने एक-दूसरे पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। उस "चिंगारी" ने आग लगा दी। बता दें आरएसएस से जुड़े संगठन विश्व हिन्दू परिषद ने सोमवार को धार्मिक यात्रा निकाली, जिसे मुस्लिम बहुल मेवात के नूंह से गुजरना था। यात्रा जब नूंह पहुंची तो वहां भयानक हिंसा हुई। इस हिंसा में अभी तक चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि आधिकारिक रूप से की गई है। यह हिंसा गुड़गांव तक फैली एक समुदाय विशेष के धर्मगुरु की हत्या गुड़गांव के धर्मस्थल में की गई। नूंह दिल्ली से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर है और मुस्लिम बहुल मेवात का जिला मुख्यालय है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पुलिस बल "अपर्याप्त" होने का एहसास होने के बाद उन्होंने नूंह में केंद्रीय बल भेजने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क किया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पोस्ट लोगों में "नकारात्मक सोच" पैदा कर रहे हैं। मैंने पुलिस से जांच करने को कहा है कि ऐसे वीडियो किसने अपलोड किए। किसी ने कहा कि ऐसे वीडियो थे जिनमें कहा गया था, 'हम इस धार्मिक समारोह के लिए आ रहे हैं, आपका दामाद आ रहा है। रोक सकते हो तो रोक लो।' अगर ऐसे गैर-जिम्मेदाराना वीडियो अपलोड किए जाते हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।”
केंद्रीय मंत्री ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र ने "विभाजन के बाद पिछले 75 वर्षों में" ऐसी घटना नहीं देखी थी। अब ऐसा क्यों हुआ? मेरा मानना है कि सोशल मीडिया ज़िम्मेदार है।”
उन्होंने कहा कि इस इलाके में, 2022 में नासिर और जुनैद (राजस्थान) को कथित गोरक्षकों ने मार डाला और उनके शवों को भिवानी में फेंक दिया। इससे एक विशेष समुदाय के मन में "उत्पीड़न की भावना" पैदा कर दी।
पूर्व कांग्रेस नेता, राव इंद्रजीत सिंह पिछले नौ वर्षों से नरेंद्र मोदी सरकार में राज्य मंत्री हैं। उनके समर्थक मांग कर रहे हैं कि वह 2024 के लिए भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हों, उनका तर्क है कि पार्टी ने अपनी सफलता में उनके योगदान के बावजूद उन्हें कभी उनका हक नहीं दिया। अक्टूबर 2021 में, सिंह को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से भी हटा दिया गया था।
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने नूंह और पड़ोसी जिलों में अशांति का कारण क्षेत्र में हालिया "साजिशों" को बताया। बीरेंद्र सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि "जाति और धर्म के बावजूद हम देश के इस हिस्से में सबसे शांतिप्रिय लोग हैं। इस क्षेत्र में भाईचारा भी बहुत मजबूत है। लेकिन हाल के दिनों में कुछ साज़िशें हुई हैं जो मौजूदा अशांति का कारण हो सकती हैं।'' उन्होंने इसके विस्तार में जाए बिना यह बात कही। बता दें कि बीरेंद्र सिंह के बेटे, बृजेंद्र सिंह जो हिसार से भाजपा सांसद हैं, 2020 में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे थे।
केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा, "कुछ लोगों ने पिछले साढ़े आठ वर्षों से हरियाणा में भाईचारा, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की है।" दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का वादा करते हुए गुर्जर ने कहा कि खुफिया तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है।