हरियाणा के मेवात में हिंसा की वारदात रुक नहीं रही है। हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को बताया कि मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने बुधवार रात नूंह जिले के तावड़ू में समुदाय विशेष के दो धर्मस्थलों पर मोलोटोव कॉकटेल फेंके। इन्हें फायर बम भी कहा जाता है। इस बीच सरकार ने गुडगांव, नूंह, फरीदाबाद और पलवल में इंटरनेट बैन 5 अगस्त तक बढ़ा दिया है।
पीटीआई ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से बताया है कि नूंह जिले के तावड़ू में दोनों धर्मस्थलों पर बुधवार रात करीब 11:30 बजे फायर बम फेंकने की घटनाएं हुईं लेकिन इन घटनाओं में कोई घायल नहीं हुआ।
इनमें से एक धर्मस्थल तो विजय चौक के पास स्थित है, जबकि दूसरा पुलिस स्टेशन के पास है। दोनों धर्मस्थलों को कुछ नुकसान हुआ है। पुलिस ने कहा कि घटनाओं की जानकारी मिलते ही दोनों धर्मस्थलों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भेजी गईं और आग पर काबू पा लिया गया।
उन्होंने बताया कि पलवल जिले के मीनार गेट बाजार में एक चूड़ी की दुकान को भी अज्ञात हमलावरों ने आग लगा दी। सोमवार 31 जुलाई को को नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर नूंह, पलवल, गुड़गांव और फरीदाबाद में धारा 144 लागू है।
भीड़ ने 31 जुलाई की रात को गुड़गांव में समुदाय विशेष के एक धार्मिक स्थल को जला दिया और उसमें एक युवा धर्मगुरु की हत्या कर दी। एक रेस्टोरेंट में आग लगा दी और दुकानों में तोड़फोड़ की। नूंह में शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा मंगलवार को आसपास के जिलों में फैल गई थी।
हरियाणा सरकार के मुताबिक, हिंसा में अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है, 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 90 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
नूंह में 31 जुलाई को हिंसा उस समय भड़की थी, जब वहां वीएचपी की जलाभिषेक यात्रा पहुंची थी। हिंसा कैसे शुरू हुई और पहल कहां से हुई, इसको लेकर विवाद है। लेकिन धार्मिक यात्रा में हथियार और तलवार का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा नेताओं ने ही इस पर सवाल कर दिए हैं। नूंह हिंसा के पीछे मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी का नाम आया है लेकिन हरियाणा पुलिस ने अभी तक दोनों को गिरफ्तार नहीं किया है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि हमारे पास मोनू मानेसर के बारे में कोई सूचना नहीं है। मोनू के खिलाफ दोहरी हत्या का केस दर्ज है।