बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने अब कहा है कि इसकी जाँच की जाए कि क्या टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने व्यवसायी को लोकसभा वेबसाइट पर लॉगइन की पहुँच दी थी। उन्होंने इसके लिए केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और उनके कनिष्ठ मंत्री राजीव चंद्रशेखर को पत्र लिखा है। इस पत्र में बीजेपी सांसद ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ 'सवालों के बदले रिश्वत' से जुड़े आरोपों की जांच की मांग की है। एक दिन पहले रविवार को ही निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को ख़त लिखकर इसका आरोप लगाया था। ताज़ा आरोपों के बाद महुआ मोइत्रा ने आईटी मंत्री से आग्रह किया है कि सभी सांसदों की लोकेशन के साथ लॉगइन की जानकारी जारी की जाए।
महुआ ने ट्वीट किया है, 'सांसदों के सभी संसदीय कार्य पीए, सहायकों, प्रशिक्षुओं, बड़ी टीमों द्वारा किए जाते हैं। आदरणीय अश्विनी वैष्णव, कृपया सीडीआर के साथ सभी सांसदों की लोकेशन के साथ लॉगिन विवरण जारी करें। कृपया लॉगिन करने के लिए कर्मचारियों को दिए गए प्रशिक्षण की जानकारी जारी करें।'
आईटी मंत्रालय को लिखे गए अपने ताज़ा ख़त में भाजपा सांसद ने रविवार को लगाए गए आरोपों को दोहराया है। इसके सााथ ही उन्होंने आईटी मंत्रालय से जांच करने का आग्रह किया कि क्या महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी और उनके रियल-एस्टेट समूह हीरानंदानी समूह को लोकसभा वेबसाइट के लिए अपने लॉगिन क्रेडेंशियल तक पहुंच दी थी, ताकि वे इसका उपयोग अपने निजी लाभ के लिए कर सकें है।
बीजेपी सांसद ने मोइत्रा के लोकसभा खाते के सभी लॉगिन क्रेडेंशियल के आईपी एड्रेस का पता लगाने के लिए एक जांच शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह निर्धारित किया जाए कि क्या ऐसे कोई उदाहरण हैं जहां इसे ऐसे स्थान पर एक्सेस किया गया था जहां वह मौजूद नहीं थीं। उन्होंने महुआ पर आरोपों को अनैतिक, गैरकानूनी और देश की सुरक्षा के लिए हानिकारक बताते हुए आईटी मंत्रालय से आरोपों को अत्यंत गंभीरता से लेने का आग्रह किया।
निशिकांत दुबे ने रविवार को आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने 'संसद में सवाल पूछने' के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लिए। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर टीएमसी सांसद को सदन से तत्काल निलंबित करने की मांग की। दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एक वकील से एक पत्र मिला है, जिसमें मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत के आदान-प्रदान के "अकाट्य" सबूत साझा किए गए हैं।
महुआ मोइत्रा ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि जांच के लिए सीबीआई का स्वागत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मेरे दरवाजे पर आने से पहले सीबीआई अडानी के ख़िलाफ़ जो मामले लंबित हैं उसकी जाँच कर ले।
यह वही अडानी समूह है जिसके ख़िलाफ़ 24 जनवरी की एक रिपोर्ट में यूएस शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हालाँकि अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह की क़ीमतें शेयर बाज़ार में धड़ाम गिरी हैं। इस मामले के सामने आने के बाद से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अडानी के मुद्दे को उठा रही हैं। उन्होंने लगातार इस मुद्दे को उठाया है। संसद से लेकर सोशल मीडिया तक पर।
फरवरी महीने में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने न केवल अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे, बल्कि सेबी को भी कठघरे में खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि 'सेबी और अडानी के बीच सांठगांठ है। सेबी में उनके रिश्तेदार बैठे हैं, इसलिए उन्होंने अनदेखी की। अडानी ने उनकी मिलीभगत से मनमाने तरीके से सब किया।'