लंदन में भारतीय एम्बेसी के सामने खालिस्तानी प्रदर्शन की जांच NIA को

10:42 am Apr 18, 2023 | सत्य ब्यूरो

लंदन में भारतीय एम्बेसी के सामने खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन की जांच एनआईए (राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी) को सौंपी गई है। इंडिया टुडे ने यह खबर सूत्रों के हवाले से दी है। भारतीय दूतावास के सामने खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन पिछले महीने हुए थे। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।

इंडिया टुडे की खबर में कहा गया है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने एनआईए को जांच करने की अनुमति दी है, पहले यह जांच दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के तहत थी। एनआईए ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से उन्हें इस मामले में दर्ज एफआईआर की एक आधिकारिक कॉपी उपलब्ध कराने को भी कहा है।

लंदन में स्थित भारतीय मिशन के सामने हाल ही में हुई हिंसक झड़पों को लेकर गृह मंत्रालय ने ब्रिटेन की सरकार से बात की है। जानकारी के मुताबिक 5वें भारत-ब्रिटेन गृह मामलों के डॉयलॉग के दौरान दोनों देशों के मंत्रालयों के बीच खालिस्तानी गतिविधियों और विरोध प्रदर्शनों पर चर्चा हुई। दिल्ली में आयोजित संवाद का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव, अजय कुमार भल्ला ने किया, जबकि ब्रिटेन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व स्थायी सचिव, गृह कार्यालय, सर मैथ्यू रायक्रॉफ्ट ने किया।

बैठक के दौरान, भारत ने यूके से अपने देश में खालिस्तानी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने और उसके अनुसार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। भारत ने यह भी कहा कि खालिस्तानी कार्यकर्ता भारत में आतंकी गतिविधियों की साजिश रच रहे हैं।

दोनों देशों की बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने पहले से चल रहे सहयोग की समीक्षा की और ब्रिटेन में आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और ग्लोबल सप्लाई चेन, मादक पदार्थों की तस्करी, प्रत्यर्पण और भारत विरोधी गतिविधियों में सहयोग को आगे बढ़ाने में अवसरों और तालमेल का पता लगाया।

भारतीय पक्ष ने विशेष रूप से भारत में आतंकवादी गतिविधियों को सहायता और बढ़ावा देने के लिए खालिस्तान समर्थक तत्वों द्वारा यूके में शरण के दुरुपयोग पर अपनी चिंताओं से अवगत कराया। भारत ने ब्रिटेन के साथ बेहतर सहयोग और ब्रिटेन स्थित खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों की निगरानी बढ़ाने का भी आह्वान किया। 

बता दें कि पिछले महीने, लंदन में भारतीय उच्चायोग के ऊपर फहराए गए तिरंगे की जगह प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने अलगाववादी खालिस्तानी झंडे लहराए, खालिस्तानी समर्थक नारे लगाए। हिंसक अव्यवस्था हुई। इसके बाद भारत की आपत्ति पर ब्रिटिश पुलिस ने कुछ गिरफ्तारियां कीं।