NEET परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के बीच, बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार किए गए चार लोगों ने परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र पाने की बात कबूल की है। गिरफ्तार लोगों में अनुराग यादव, नीतीश कुमार, अमित आनंद और दानापुर नगर परिषद के जूनियर इंजीनियर सिकंदर यादवेंदु शामिल हैं। इनके बयान महत्वपूर्ण हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उन सभी हाईकोर्ट में नीट को लेकर चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच पहले से ही इस मामले की सुनवाई कर रही है। 8 जुलाई से चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच में सुनवाई होगी।
नीट परीक्षा का नतीजा आने के बाद देशभर में प्रतिक्रिया हुई। युवकों और उनके माता-पिता ने परीक्षा में पेपर लीक का आरोप लगाया। इस मामले में युवक और तमाम संगठन प्रदर्शन करने लगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी ने नीट परीक्षा में धांधली की जांच की मांग की। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और परीक्षा लेने वाली केंद्रीय एजेंसी एनटीए ने पेपर लीक की खबरों का खंडन किया और कहा कि राजनीति के तहत यह सब किया जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर 21 जून को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।
नीट परीक्षा देने वाले और अब आरोपी अनुराग यादव (22 वर्षीय) ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसे परीक्षा से एक दिन पहले प्रश्नपत्र मिला था। अनुराग ने कहा कि अगले दिन परीक्षा में वही प्रश्न पूछे गए थे। अनुराग दूसरे आरोपी यादवेंदु के भतीजे हैं, जो वर्तमान में बिहार के दानापुर टाउन काउंसिल (दानापुर नगर परिषद) में कार्यरत हैं। यादव के अनुसार, उनके रिश्तेदार सिकंदर प्रसाद यादवेंदु ने उन्हें बताया कि परीक्षा के लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। उसने दो अन्य लोगों को भी प्रश्नपत्र दिया था।
अनुराग यादव ने कहा कि उन्हें रात में इन सवालों को पढ़ने और याद करने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, "जब मैं परीक्षा देने गया तो मुझे परीक्षा में वही प्रश्न मिले जो मैंने ठीक से याद किए थे। परीक्षा के बाद पुलिस आई और मुझे पकड़ लिया और मैंने अपना अपराध कबूल कर लिया।" इस बीच, यादवेंदु ने पुलिस को बताया कि दो अन्य आरोपियों, नीतीश कुमार और अमित आनंद ने उन्हें बताया कि वे किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक कर सकते हैं और NEET पास करने के लिए हर कैंडिडेट को 30-32 लाख रुपये खर्च करने होंगे।
आरोपी ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसने चार लड़कों की व्यवस्था की जिन्हें परीक्षा पास करने में मदद की ज़रूरत थी और उन्हें 4 जून की रात को नीतीश कुमार और अमित आनंद के पास ले गया। उन्होंने प्रश्नपत्र सौंप दिया। यादवेंदु ने कहा कि उन्होंने "लालच के कारण" हर छात्र से 30 लाख रुपये के बजाय 40 लाख रुपये मांगे। अगले दिन वाहन जांच के दौरान यादवेंदु को छात्रों के एडमिट कार्ड के साथ पकड़ा गया।
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इस घटनाक्रम से परेशान केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और विसंगतियों को लेकर तीन हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर कार्यवाही पर रोक लगा दी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एस.वी.एन भट्टी की वैकेशन बेंच ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा रद्द करने की मांग सहित याचिकाओं पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, केंद्र और अन्य से जवाब भी मांगा है। इस मामले की सुनवाई 8 जुलाई को चीफ जस्टिस की बेंच में होगी।
इससे पहले अदालत ने इस परीक्षा को आयोजित करने वाली संस्था एनटीए को कड़ी फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को कहा था कि अगर परीक्षा संचालन में किसी की ओर से "0.001 प्रतिशत लापरवाही" हुई है तो उसे स्वीकार करिए। इससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। इस मुद्दे पर रोजाना देशव्यापी प्रदर्शनों का सिलसिला अभी तक जारी है। कांग्रेस ने नीट में धांधली और नए सिरे से परीक्षा की मांग करते हुए 21 जून को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है। राहुल गांधी ने कहा है कि वो संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे।