चुनाव से पहले 'नरेंद्र मोदी गैलरी' भी; जानें 'राम मंदिर' से लेकर क्या-क्या होगा

01:42 pm Jan 02, 2024 | सत्य ब्यूरो

बीजेपी जिस राम मंदिर के मुद्दे को घर-घर पहुँचाने के अभियान में जुटी है, लगता है कि मोदी सरकार के अभियान में भी इस पर जोर है। इस महीने के अंत में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले प्रधानमंत्री संग्रहालय में 'नरेंद्र मोदी गैलरी' शुरू होने वाली है। रिपोर्ट है कि अगले हफ्ते इसको संग्रहालय जाने वाले लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। 'नरेंद्र मोदी गैलरी' में पीएम मोदी सरकार की बड़ी 'उपलब्धियों' को भी दिखाया जाएगा और इसमें उस राम मंदिर निर्माण को भी प्रमुखता से दिखाया जाएगा जिसकी प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की जानी है। 

कुछ महीने में ही चुनाव होने हैं और इस चुनाव से पहले राम मंदिर की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा होगी। समझा जाता है कि बीजेपी राम मंदिर को चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने वाली है। इसको लेकर बीजेपी से लेकर संघ तक पूरे जोरशोर से जुट गए हैं। इसके लिए कई स्तरों पर अभियान चलाए जा रहे हैं। इन दोनों संगठनों ने एक जनवरी को ही एक बड़ा अभियान छेड़ा है। इस अभियान के जरिए देश में घर-घर पहुंचकर 'अक्षत' बांटा जाएगा।

आरएसएस के सहयोगी संगठन वीएचपी ने 15 करोड़ घरों तक पहुँचने का संकल्प लिया है। इसके तहत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में हिस्सा लेने, पड़ोस के मंदिरों को सजाने और दीया जलाकर अपने-अपने घरों के मंदिरों को सजाने का आग्रह किया जाएगा। लोगों को बताया जाएगा कि वे राम मंदिर के उद्घाटन का जश्न मनाएँ।

इसी राम मंदिर को 'नरेंद्र मोदी गैलरी' में प्रमुखता से जगह दी गई है। 271 करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित गैलरी हैं। पूर्ववर्ती नेहरू संग्रहालय भवन अब नए संग्रहालय भवन के साथ जुड़ गया है। प्रधानमंत्री संग्रहालय के ग्राउंड तल पर स्थित पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समर्पित गैलरी के ठीक बाद पीएम मोदी गैलरी है। इसमें पिछले नौ वर्षों में उनकी प्रमुख उपलब्धियों को दिखाया जाएगा।

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार इनमें राम मंदिर का निर्माण और 'संस्कृति' सेक्शन में अन्य मंदिरों का कायाकल्प, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, विदेश नीति, डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे, अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, भारत की सीमाओं को सुरक्षित करना, रक्षा विनिर्माण, लोक कल्याण, उज्ज्वला जैसी योजनाएं और किसानों के लिए पहल शामिल हैं।

रिपोर्ट है कि गैलरी पर एक साल से अधिक समय से काम चल रहा था। शुरू में दिसंबर 2022 तक की घटनाओं को कवर किया जाना था और फिर 15 अगस्त, 2023 तक की कुछ घटनाओं को भी शामिल किया गया।

प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) की कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'गैलरी को उनके कार्यकाल की प्रमुख घटनाओं को प्रदर्शित करते हुए विभिन्न खंडों में बाँटा गया है।' मिश्रा राम मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख भी हैं। उन्होंने 2014 से 2019 तक मोदी के प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया था।

गैलरी के विभिन्न खंडों में से एक 'बाल्य काल से शासन तक' है। यह पीएम मोदी के प्रारंभिक जीवन को समर्पित है, जो वडनगर में उनके बचपन के वर्षों के अलावा, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को भी दर्शाता है। 

गैलरी में अन्य सेक्शन हैं- पीएम के शासन मॉडल पर 'सुशासन'; उनकी विदेश नीति पर 'सद्भाव';  विकास मॉडल पर 'विकास'; सांस्कृतिक कायाकल्प पर 'संस्कृति'; 'जनभागीदारी'; रक्षा क्षमताओं पर 'सुरक्षा'; पर्यावरणीय फैक्टर पर 'पर्यावरण'; और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर 'विज्ञानोदय'।

मोदी गैलरी का कोई औपचारिक उद्घाटन नहीं होगा, क्योंकि यह बड़े पीएम संग्रहालय परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्घाटन अप्रैल 2022 में तत्कालीन नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) परिसर में मोदी ने किया था। तब विपक्ष ने जवाहरलाल नेहरू की विरासत को कमजोर करने के एजेंडे का आरोप लगाते हुए इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया था।