दिल्ली के बवाना में एक मुसलिम युवक को कोरोना वायरस फैलाने की साज़िश रचने की अफवाह के कारण जमकर पीटा गया। युवक का नाम दिलशाद अली उर्फ महबूब है और वह बवाना के हरेवली गांव का रहने वाला है। पहले कुछ मीडिया वेबसाइट्स ने यह ख़बर चलाई कि महबूब की मौत हो गई है लेकिन पुलिस ने अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया है कि महबूब जीवित है और उसका इलाज चल रहा है।
ख़बरों के मुताबिक़, अली तब्लीग़ी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भोपाल गया था और 45 दिन बाद सब्जियों के एक ट्रक में बैठकर दिल्ली वापस आया था। यहां पर उसे आज़ादपुर सब्जी मंडी से पकड़ा गया था। उसकी मेडिकल जांच की गई थी और टेस्ट नेगेटिव आने के बाद उसे छोड़ दिया गया था। ख़बरों के मुताबिक़, जब अली अपने गांव पहुंचा तो यह अफवाह फैल गई कि वह कोरोना वायरस फैलाने के मकसद से आया है। अली की उम्र 22 साल बताई गई है।
अफवाह फैलने के बाद बीते रविवार को गांव के कुछ लोग अली को खेतों में ले गये और उसे जमकर पीटा गया। अली को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
मुसलिम युवक की पिटाई ऐसे समय में हुई है, जब टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के संक्रमण के लिये तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए मुसलिमों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। इससे पहले गो मांस ले जाने के शक में या गो कशी की अफवाह के चलते देश के कई राज्यों में कई बार मुसलमानों पर जानलेवा हमले किये जा चुके हैं। इसमें कई लोगों की मौत भी हो चुकी है।