कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुसलिम धर्मगुरुओं ने पूरे समुदाय से अपील की है कि वे शब-ए-बारात के मौक़े पर घर से न निकलें। उन्होंने अपील की है कि 8 अप्रैल की रात को कहीं पर भी भीड़ इकट्ठी न हो।
तीन पैराग्राफ़ के एक संदेश में मुसलिम धर्मगुरुओं ने कहा है कि इस वायरस को फैलने से रोकने का एक तरीक़ा सिर्फ़ सोशल डिस्टेंसिंग है और अन्य दिनों की ही तरह शब-ए-बारात के मौक़े पर भी घरों से न निकलें। उन्होंने लोगों से घरों पर ही रहकर प्रार्थना करने का अनुरोध किया है। इसमें युवाओं से विशेष अपील की गई है कि वे रात में घर पर रहकर दुआ करें।
इस संदेश में मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान, मौलाना सैयद महमूद मदनी, जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव सैयद सादातुल्लाह हुसैनी, दिल्ली की फतेहपुरी मसजिद के मौलाना सहित कई बड़े धर्मगुरुओं और समुदाय के नेताओं के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा जमात-ए-इसलामी हिंद, दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग, ऑल इंडिया मुसलिम मजलिस-ए-मुशावरत सहित सैकड़ों संगठनों ने मुसलिम समुदाय के लोगों से यह अनुरोध किया है। हाल ही में हुए तब्लीग़ी जमात के प्रकरण के बाद मुसलिम नेताओं और धर्मगुरुओं का यह संदेश काफी अहम माना जा रहा है।
दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल ने भी कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए शब-ए-बारात के मौक़े पर मुसलिम समुदाय के लोगों से घर से बाहर न निकलने का अनुरोध किया है।