कर्नाटक में लिंगायत मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति शरणारू पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। उन पर दो नाबालिग छात्राओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। लेकिन केवल शिवमूर्ति शरणारू ही ऐसे नहीं हैं, जिन पर इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं। बल्कि कई ऐसे धर्मगुरु हैं, जिन पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं और इनमें से कई सलाखों के पीछे हैं।
आसाराम
नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को दोषी ठहराया गया था। आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वह 9 साल से जोधपुर की एक जेल में हैं। यूपी के शाहजहाँपुर की रहने वाली 16 साल की नाबालिग लड़की ने साल 2013 में पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि 5 अगस्त, 2013 की रात को आसाराम ने उसे जोधपुर के मनई इलाके में स्थित अपने आश्रम में बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता आसाराम के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आश्रम में पढ़ती थी। साढ़े चार तक चली सुनवाई के बाद जोधपुर की विशेष अदालत ने आसाराम को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
दाती महाराज
दिल्ली के फ़तेहपुर बेरी इलाके में स्थित शनिधाम मंदिर के संस्थापक दाती महाराज पर साल 2018 में एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था। महिला की शिकायत पर दाती महाराज के ख़िलाफ़ आईपीसी की धाराओं 354, 376 और 377 के तहत केस दर्ज किया गया था। पीड़िता ने शिकायत में कहा था कि दो साल पहले दाती महाराज ने उसके साथ मंदिर के अंदर ही बलात्कार किया था। पुलिस ने दाती महाराज को गिरफ़्तार किया था और उससे पूछताछ भी की गई थी।
स्वामी चिन्मयानन्द
शाहजहांपुर के स्वामी सुखदेवानंद पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में लॉ की पढ़ाई कर रही एक छात्रा ने साल 2019 में पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के नेता स्वामी चिन्मयानन्द पर एक साल तक बलात्कार और शारीरिक उत्पीड़न करने के आरोप लगाए थे। उसने दावा किया था कि उसके पास इसके पुख़्ता सबूत हैं और वह एसआईटी के सामने सभी साक्ष्य पेश करने को तैयार है। उस लड़की ने एक वीडियो भी जारी किया था, जिसके बाद पुलिस ने चिन्मयानन्द के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी देने का मामला दर्ज किया था। लेकिन बाद में छात्रा ने अपने आरोप वापस ले लिए थे।
स्वामी परमानंद
बाबा राम शंकर तिवारी उर्फ स्वामी परमानंद को यूपी पुलिस ने साल 2018 में यौन शोषण के मामले में गिरफ़्तार किया था। उस पर संतान प्राप्ति की इच्छा के लिए आने वाली महिलाओं का यौन शोषण करने का आरोप था। हांलाकि परमानंद ने इससे इन्कार किया था। परमानंद का कथित रूप से एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह एक महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में दिखे थे।
प्रपन्नाचार्य महाराज उर्फ़ फलाहारी बाबा
अलवर में रहने वाले प्रपन्नाचार्य महाराज उर्फ फलाहारी बाबा के खिलाफ 11 सितंबर 2017 को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली एक महिला ने रेप का आरोप लगाया था। 26 सितंबर 2018 को अलवर जिले की एक अदालत ने बाबा को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
गुरमीत राम रहीम
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम 2002 में डेरे के प्रबंधक की हत्या और एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इसके साथ ही वह बलात्कार के मामले में भी 20 साल की सजा काट रहा है और रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। अपने आश्रम की दो साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद उसके समर्थकों ने जबरदस्त तांडव किया था। उस दौरान पंचकूला समेत कई जगहों पर दंगे, आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी और राम रहीम के समर्थकों ने बड़े पैमाने पर हिंसा को अंजाम दिया था। तब केवल पंचकूला में ही 36 लोग हिंसा में मारे गए थे।
गुरमीत राम रहीम सिंह के समर्थकों की अच्छी-खासी संख्या है और हरियाणा और पंजाब में तमाम राजनीतिक दल राम रहीम का समर्थन चाहते हैं। कहा जाता है कि बीजेपी को हरियाणा में 2014 के विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा का साथ मिला था और तब राज्य में उसकी सरकार बनी थी।
स्वामी नित्यानंद
दक्षिण भारत में खासे चर्चित स्वामी नित्यानंद की 2010 में एक सेक्स सीडी आई थी। सीडी में नित्यानंद को कथित रूप से दक्षिण की मशहूर एक्ट्रेस के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए दिखाया गया था। फ़ॉरेंसिक लैब में हुई जांच में सीडी को सही पाया गया। लेकिन नित्यानंद के आश्रम का दावा है कि सीडी से छेड़छाड़ की गई थी। नित्यानंद इस मामले में 52 दिन तक जेल में रहा। हालांकि कुछ दिनों बाद उसे जमानत मिल गई थी। साल 2019 में नित्यानंद ने दावा किया था कि उसने कैलासा नाम से अलग देश बना लिया है। कैलासा का अपना देश और अपना संविधान है और इस देश का अपना पासपोर्ट भी है।
आशु भाई
आशु भाई का मामला कुछ ज़्यादा ही दिलचस्प है। दिल्ली में अपने आश्रम में एक महिला और उसकी बेटी के साथ बलात्कार करने के अभियुक्त स्वयंभू बाबा आशु भाई गुरुजी उर्फ़ आसिफ़ ख़ान हिंदू नहीं मुसलिम है। ज्योतिषी से कमाई करने के लिए उसने अपना नाम बदल लिया और आशु भाई बन गया।