भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 7 लाख के पार, अब तक 19,795 लोगों की मौत

09:33 pm Jul 06, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 7 लाख से ज़्यादा हो गयी है और मरने वालों का आंकड़ा  19,795 हो गया है। चिंताजनक यह है कि भारत दुनिया में कोरोना संक्रमित देशों की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। सोमवार शाम तक कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 7,01,240 हो गया था। 

भारत में अभी तक 4,29,581 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 2,53,287 लोगों का इलाज चल रहा है। सरकार का कहना है कि रिकवरी रेट 60.85 फ़ीसदी हो गया है। 

भले ही सरकार रिकवरी रेट के बेहतर होने की बात कह रही हो लेकिन संक्रमण जिस रफ़्तार से बढ़ रहा है, वह लोगों में ख़ौफ़ पैदा कर रहा है। 3 जुलाई के बाद से हर दिन 20 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। इस बीच, आईसीएमआर ने कहा है कि 5 जुलाई तक देश में 99,69,662 सैंपल्स की जांच की जा चुकी है।

महाराष्ट्र में अब तक 2.06 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, इनमें से 41 फ़ीसदी मामले अकेले मुंबई से सामने आए हैं। मुंबई में संक्रमितों की संख्या 84,524 है और मरने वालों का आंकड़ा 5 हज़ार के करीब पहुंचने वाला है। इनमें से 80 फ़ीसदी वे लोग हैं, जिनकी उम्र 50 साल से ज़्यादा है। 

दिल्ली में 1 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित

दिल्ली में सोमवार शाम तक 1,379 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1,00,823 हो गया है। राजधानी में 72,088 लोग ठीक भी हो चुके हैं और 25,620 लोगों का इलाज चल रहा है। दिल्ली में अब तक 3,115 लोगों की मौत कोरोना वायरस के कारण हो चुकी है। 

दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में 72% कोरोना के मरीज ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अस्पतालों से अपील की है कि वे कोरोना के मरीजों को ठीक होने के 14 दिन बाद अपना प्लाज्मा देने के लिए प्रेरित करें। 

केजरीवाल ने कहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेशन से शरीर में कमजोरी नहीं आती है और इसे लेकर घबराने की कोई बात नहीं है। 

इस बीच, इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने दावा किया है कि वह 15 अगस्त तक कोरोना कोरोना की वैक्सीन को लांच कर सकती है। लेकिन इस पर वैज्ञानिकों ने सवाल उठाए हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इसे जल्द लाने की डेडलाइन की वजह से इसकी सुरक्षा और इसके प्रभाव के साथ समझौता हो सकता है। आईसीएमआर ने इस वैक्सीन को ‘कोवैक्सीन’ नाम दिया है। इस मुद्दे पर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का वीडियो - 

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड ने आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर यह कोवैक्सीन (BBV152) तैयार की है। 

एक अधिकारी के मुताबिक़, आईसीएमआर ने इसके क्लीनिकल ट्रायल के लिए 12 संस्थानों का चयन किया है। आईसीएमआर की ओर से इन सभी संस्थानों से कहा गया है कि वे क्लीनिकल ट्रायल की प्रक्रिया को तेज करें।