दिल्ली और मुंबई में मानसून आ गया। दोनों शहरों में रात भर भारी बारिश हुई। एक दिन पहले ही तेलंगाना, बिहार के कुछ हिस्सों सहित कई राज्यों में मानसून आगे बढ़ा था। दिल्ली और मुंबई में एक ही दिन मानसून का आना दुर्लभ घटना माना जाता है। भारत मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी ने कहा कि जहां यह राष्ट्रीय राजधानी में निर्धारित समय से दो दिन पहले पहुंचा, वहीं मुंबई में इसका प्रवेश दो सप्ताह देरी से हुआ।
मौसम विभाग ने कहा है कि पिछली बार मानसून मुंबई और दिल्ली दोनों शहरों में 21 जून, 1961 को एक ही दिन आया था। दोनों शहर एक दूसरे से 1,430 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि देश के अधिकतर हिस्सों में अब मानसून पहुँच चुका है।
मौसम विभाग ने कहा है, 'दक्षिण-पश्चिम मानसून मध्य अरब सागर के शेष हिस्सों, उत्तरी अरब सागर के कुछ हिस्सों, मुंबई, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित महाराष्ट्र के शेष हिस्सों, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और हरियाणा के कुछ हिस्सों, उत्तराखंड के शेष हिस्सों, हिमाचल प्रदेश के अधिकतर हिस्सों और जम्मू कश्मीर व लद्दाख के कुछ और हिस्सों में आज 25 जून को आगे बढ़ गया है।'
बहरहाल, मानसून आम तौर पर 27 जून को दिल्ली में दस्तक देता है, इस साल यह निर्धारित समय से दो दिन पहले आया। दूसरी ओर, मुंबई में मानसून के आगमन की तारीख 11 जून थी। राष्ट्रीय राजधानी के लोग रविवार की सुबह बिजली और गरज के साथ भारी बारिश से उठे।
सुबह 5.30 बजे तक शहर के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग में 47.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जबकि दक्षिण पश्चिम दिल्ली के पालम में 22 मिमी बारिश हुई। रविवार और सोमवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बुधवार और गुरुवार के लिए येलो एलर्ट जारी किया गया है।
आईएमडी के आँकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 30 जून को, 2021 में 13 जुलाई को, 2020 में 25 जून को, 2019 में 5 जुलाई को और 2018 में 28 जून को मानसून ने दिल्ली में दस्तक दी थी।
मुंबई में मानसून दो हफ्ते की देरी से पहुंचा। सामान्य तौर पर इसे 11 जून को पहुँच जाना चाहिए था। शहर में शनिवार से लगातार बारिश हो रही है। कई जगहों पर जलभराव की खबरें आईं। मुंबई के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मानसून की दस्तक के साथ ही देश भर में गर्मी से राहत मिली है और उत्तर भारत के कई राज्यों में लू से भी राहत मिली है। इसी हफ्ते देश के कई राज्यों में भीषण लू से हालात ख़राब होने और कुछ राज्यों में लोगों की मौत की ख़बरें आने के बीच केंद्र ने कुछ क़दम उठाए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देश में तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी। बैठक में मनसुख मंडाविया ने कहा था कि पांच सदस्यीय टीम लू की स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों का दौरा करेगी। इस टीम में स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग यानी आईएमडी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
ये क़दम तब उठाए गए जब उत्तर भारत भीषण लू की चपेट में थे। चार राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा बुरी तरह प्रभावित हुए। सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में ही पिछले कुछ दिनों में क़रीब 100 लोगों की मौत की ख़बर आई थी। बिहार में भी भीषण गर्मी के बीच बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने की ख़बर आई थी। अलग-अलग मीडिया रिपोर्टों में राज्य में 40-50 मौतें बताई गई। ओडिशा में भी इस तरह क़रीब 20 लोगों की मौत और झारखंड में 8 लोगों की मौत की ख़बरें आई थीं।