मोदी : बांग्लादेश की आज़ादी के लिए सत्याग्रह किया था, जेल गया था

06:07 pm Mar 26, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में एक कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने भी बांग्लादेश की मुक्ति के लिए सत्याग्रह किया था। उन्होंने कहा कि यह उनके शुरुआती आन्दोलनों में से एक था, उस समय वे किशोर उम्र से थोड़े ही ज़्यादा थे। 

उन्होंने कहा, "बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम मेरी यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण क्षण था, मैंने और मेरा साथियों ने भारत में सत्याग्रह किया था। मैं उस समय 20 वर्ष से कुछ ही अधिक का था। बांग्लादेश की आज़ादी के लिए हुए सत्याग्रह में मुझे जेल जाने का मौक़ा भी मिला था।" 

भारतीय प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिए बग़ैर आतंकवाद का ज़िक्र किया और कहा कि वे एशिया में आतंकवाद के लिए कोई स्थान नहीं है। 

उन्होंने इस मौके पर उन भारतीय सैनिकों को याद किया जिन्होंने 1971 के बांग्लादेश युद्ध में भाग लिया था। मोदी ने कहा, "इस महान देश के जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया, मैं उन्हें नहीं भूल सकता, न ही उन भारतीय सैनिको को भूला जा सकता है जिन्होंने बांग्लादेश का साथ दिया था। हम उनके साहस और बहादुरी को नहीं भूल सकते।" 

मुजीब को गांधी शांति पुरस्कार

भारतीय प्रधानमंत्री ने शेख मुजीबुर रहमान को मरणोपरांत गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री और शेख मुजीब की बेटी शेख हसीना को यह पुरस्कार सौंपा। उन्होंने कहा,

मुझे यह सम्मान देते हुए बेहद खुशी हो रही है। मैं राष्ट्रपति अब्दुल हामिद, प्रधानमन्त्री शेख हसीना और बांग्लादेश के नागरिकों का मैं आभार प्रकट करता हूँ, जिन्होंने इस कार्यक्रम में भारत को निमंत्रण दिया।


नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

पाँच क़रार होंगे

भारत और बांग्लादेश के बीच पाँच द्विपक्षीय समझौतों पर दस्तख़त होने के आसार हैं। ये समझौते ढाँचागत सुविधाओं के निर्माण से जुड़े होंगे और इससे बांग्लादेश को बड़े पैमाने पर निवेश मिल सकता है। 

बांग्लादेशी अख़बार 'द बांग्लादेश टुडे' ने विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमिन के हवाले से यह कहा है। उन्होंने कहा कि कुछ समझौतों का अंतिम स्वरूप अभी भी तय नहीं हुआ है, पर यह तय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिनों की यात्रा के दौरान पाँच क़रारों पर दस्तख़त हो जाएंगे। 

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका हवाई अड्डे पर खुद आकर नरेंद्र मोदी की आगवानी की। मोदी ने ढाका के पास स्थित सवर में राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर जाकर 1971 के युद्ध में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा, "बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध में जिन लोगों ने शिरकत की, उनका साहस दूसरों को भी प्रेरणा देता है।"

प्रधानमंत्री ने इसके बाद बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले कुछ लोगों से मुलाकात की। उन्होंने विपक्ष के नेताओं से भी मुलाकात की।

बांग्लादेश पाकिस्तान से आज़ादी के 50 साल पूरे होने का जश्म मना रहा है। इसके साथ ही बांग्लादेश के संस्थापक माने जाने वाले शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती भी है। भारतीय प्रधानमंत्री को इस मौके पर शामिल होने का न्योता दिया गया था। वे इन दोनों कार्यक्रमों में भाग लेने गए हैं। 

नरेंद्र मोदी ने ढाका में भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की। वे इसके साथ ही वोहरा समुदाय के लोगों से भी मिले। प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के क्रिकेट स्टर शाकिब उल हसन से भी मुलाकात की। 

बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोमिन ने कहा कि कुछ लोगों के भारतीय प्रधानमंत्री का विरोध करने से दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश लोकतांत्रिक देश है और लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। लेकिन कुछ लोगों के विरोध से कुछ फर्क नहीं पड़ेगा।