कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददाताओं से बातचीत की। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि ग़रीब जनता को पैसे चाहिए और मोदी सरकार को ग़रीबों, किसानों के खातों में सीधे पैसे डालने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार को आर्थिक पैकेज पर फिर से विचार करना चाहिए। ग़रीबों, किसानों ने हिंदुस्तान को खड़ा किया है और ये ही हमारे भविष्य हैं।’
राहुल ने कहा, ‘कहा जा रहा है कि अगर हमने डेफिसिट (घाटा) बढ़ा दिया तो बाहर की एजेंसियां हमारी रेटिंग कम कर देंगी। मैं मोदी जी से कहना चाहता हूं कि हमारी रेटिंग को किसान, मजदूर, छोटे-बड़े व्यवसायी बनाते हैं।’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं मोदी सरकार से कहता हूं कि रेटिंग के बारे में न सोचें, विदेशों के बारे में न सोचें और जैसे ही इन लोगों को पैसा मिलेगा, ये लोग काम करना शुरू करेंगे, रेटिंग सही हो जाएगी।’ राहुल ने कहा कि हमें हिंदुस्तान को देखकर फ़ैसला लेना है न कि विदेशों को देखकर।
डिमांड शुरू करना ज़रूरी
राहुल ने कहा, ‘मोदी सरकार ने आर्थिक पैकेज में कर्ज की बात कही है लेकिन इससे डिमांड शुरू नहीं होगी क्योंकि जब तक लोगों की जेब में पैसा नहीं होगा, वे सामान नहीं ख़रीद सकते हैं। डिमांड शुरू नहीं हुई तो बड़ा आर्थिक नुक़सान होगा और यह कोरोना से ज़्यादा बड़ा होगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार को डिमांड और सप्लाई, दोनों को शुरू करना है। उन्होंने कहा है कि सरकार को ग़रीबों के हाथों में पैसा देना ही होगा।
एक पत्रकार के सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, ‘वह सरकार से कहना चाहते हैं कि तूफान आ रहा है, यह आर्थिक तूफान है और इससे बहुत सारे लोगों को चोट लगेगी। मैं सरकार से कहना चाहता हूं कि आप लोगों की जेब में पैसा डालें।’
राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों का सहयोग करना चाहिए और इसके बिना बात नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि हम सरकार से कह रहे हैं कि आप 4-5 महीने के लिए न्याय योजना को लागू कर दीजिए, भले ही उसके बाद बंद कर दीजिए लेकिन ऐसा कीजिए।