केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज के तहत कई अहम फ़ैसले लिए हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में ये फ़ैसले लिए गए हैं। सरकार के मंत्री नितिन गडकरी, प्रकाश जावड़ेकर और नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कैबिनेट के फ़ैसलों की जानकारी दी।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे देश के एक्सपोर्ट में 48 फ़ीसदी योगदान एमएसएमई का है और देश भर में 6 करोड़ एमएसएमई काम कर रही हैं। गडकरी ने कहा, एमएसएमई इस वक़्त कठिन दौर से गुजर रही हैं। कमज़ोर एमएसएमई को चलाने के लिए फंड ऑफ़ फंड्स की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि एमएसएमई की परिभाषा को संशोधित किया गया है।
जावड़ेकर ने कहा, ‘कैबिनेट ने 20 हज़ार करोड़ रुपये के पैकेज को स्वीकृति दी है, जिससे 2 लाख एमएसएमई यूनिट को फायदा होगा। इसके अलावा रेहड़ी-पटरी वालों के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके तहत रेहड़ी-पटरी वालों के अलावा, हॉकर्स, मोची और सैलून चलाने वालों को 10 हज़ार रुपये का लोन मिलेगा।’ उन्होंने कहा कि इससे 50 लाख लोगों को फ़ायदा होगा। जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य को डेढ़ गुना करने के अपने वादे को निभाया है। उन्होंने कहा, लॉकडाउन के दौरान लोगों को 80 लाख टन अनाज दिया गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘सरकार की योजनाओं में गांव, ग़रीब और किसान प्राथमिकता में रहे हैं। किसानों ने इस बार रिकॉर्ड फसल का उत्पादन किया है। सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों को स्वीकार किया गया है।’