मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद अब मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह को मिनिस्ट्री ऑफ़ को-ऑपरेशन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है जबकि मनसुख मांडविया को स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। इसके अलावा अश्विनी वैष्णव को रेल व आईटी मंत्रालय, पीयूष गोयल को कपड़ा मंत्रालय, किरण रिजिजू को संस्कृति व क़ानून मंत्रालय व स्मृति ईरानी को महिला व बाल विकास मंत्रालय दिया गया है। नारायण राणे को सूक्ष्म, लघु उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।
मोदी कैबिनेट 2.0 के पहले विस्तार में 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इनमें 15 कैबिनेट और 28 राज्यमंत्री शामिल हैं। कैबिनेट विस्तार के लिए शपथ ग्रहण का कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में हुआ।
पुरूषोत्तम रूपाला को डेयरी और मत्स्य विकास मंत्रालय मिला है जबकि मीनाक्षी लेखी को संस्कृति व विदेश मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है। अनुराग ठाकुर को सूचना और प्रसारण के साथ ही खेल व युवा मामलों का भी मंत्री बनाया गया है।
धर्मेंद्र प्रधान बने शिक्षा मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान नए शिक्षा मंत्री होंगे और उनके पास कौशल विकास का भी प्रभार रहेगा। हरदीप पुरी को पेट्रोलियम मंत्री बनाया गया है, उनके पास शहरी विकास मंत्रालय भी बना रहेगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया गया है। गिरिराज सिंह को ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया गया है। सर्बानंद सोनोवाल को आयुष मंत्री बनाया गया है।
एलजेपी में बग़ावत की अगुवाई करने वाले और चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय मिला है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव को श्रम व पर्यावरण मंत्री बनाया गया है। डॉ. वीरेंद्र कुमार सामाजिक कल्याण मंत्री और आरसीपी सिंह स्टील मंत्री बनाए गए हैं। अजय भट्ट को रक्षा मंत्रालय में, अजय कुमार को गृह मंत्रालय में और कौशल किशोर को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है।
दलित-ओबीसी, महिलाओं को जगह
मोदी कैबिनेट में समाज के सभी वर्गों को जगह देने की कोशिश की गई है। नई कैबिनेट में महिलाओं, ओबीसी, युवा चेहरों के साथ ही प्रोफ़ेशनल्स को भी जगह मिली है। मंत्रिमंडल में अब ओबीसी और दलित समुदाय की हिस्सेदारी बढ़ी है।
मंत्रिमंडल में ओबीसी समुदाय के 27 मंत्री हैं और इनमें से 5 कैबिनेट मंत्री हैं। इसके अलावा दलित समुदाय से 12 मंत्री हैं जबकि आदिवासी समुदाय से 8 लोगों को मंत्री बनाया गया है। धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी भागीदारी मिली है और तीन लोगों को कैबिनेट में जगह दी गई है।
जबकि 29 मंत्री ऐसे हैं जो ब्राह्मण, क्षत्रिय, बनिया, भूमिहार, कायस्थ, लिंगायत, खत्री, कडुवा व लेउआ पटेल आदि समुदायों से संबंध रखते हैं। मंत्रिमंडल में 9 राज्यों से कुल 11 महिलाओं को जगह दी गई है और इनमें से दो को कैबिनेट मंत्री का दर्ज़ा दिया गया है।
युवा हुई कैबिनेट
इसके अलावा छह युवा नेताओं को भी जगह मिली है। पिछली कैबिनेट की औसत उम्र 61 थी जो अब 58 रह गई है। 14 मंत्री ऐसे हैं, जिनकी उम्र 50 साल से कम है। मंत्रिमंडल में 13 वकील, पांच इंजीनियर, छह डॉक्टर शामिल हैं। नए मंत्री बने लोगों में से सात पीएचडी और 3 एमबीए डिग्रीधारक हैं।
उत्तर प्रदेश को खास तरजीह
कैबिनेट विस्तार में चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश को काफ़ी अहमियत मिली है और राज्य से 7 नए मंत्री बनाए गए हैं। इनमें कौशल किशोर, एसपी बघेल, पंकज चौधरी, बीएल वर्मा, अजय कुमार, भानु प्रताप वर्मा और अनुप्रिया पटेल शामिल हैं। राज्य में 7 महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं और बीजेपी की पूरी कोशिश सत्ता में वापसी करने की है।
ये बने कैबिनेट मंत्री
शपथ लेने वाले नेताओं में नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, डॉ. वीरेंद्र कुमार, ज्योतिरादित्य एम सिंधिया, रामचंद्र प्रसाद सिंह, अश्विनी वैष्णव, पशुपति पारस, किरेन रिजिजू, राज कुमार सिंह, हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मंडाविया, भूपेंद्र यादव, पुरूषोत्तम रूपाला, जी. किशन रेड्डी, अनुराग सिंह ठाकुर ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली।
ये बने राज्यमंत्री
इसके अलावा पंकज चौधरी, अनुप्रिया पटेल, डॉ. सत्य पाल सिंह बघेल, राजीव चंद्रशेखर, शोभा करंदलाजे, भानु प्रताप सिंह वर्मा, दर्शन विक्रम जरदोशी, मीनाक्षी लेखी, अन्नपूर्णा देवी, ए. नारायणस्वामी, कौशल किशोर, अजय भट्ट, बीएल वर्मा, अजय कुमार चौहान देवु सिंह, भगवंत खुबा, कपिल मोरेश्वर पाटिल, प्रतिमा भौमिकी, डॉ. सुभाष सरकार, डॉ. भागवत किशनराव कराडी, डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, डॉ. भारती प्रवीण पवार, बिश्वेश्वर टुडु, शांतनु ठाकुर, डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई, जॉन बारला, डॉ. एल मुरुगन और निसिथ प्रमाणिक ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली।