कोरोना: जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों को खोजें, केंद्र ने राज्यों को चेताया

06:15 pm Apr 01, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्यक्रम के बाद केंद्र सरकार इसमें शामिल हुए लोगों की खोजबीन तेज कर रही है। क्योंकि इस कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों में से 130 से ज़्यादा लोग कोरोना वायरस पॉजिटिव पाये गये हैं और 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इस कार्यक्रम में विदेशों से भी लोग शामिल हुए थे। 

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने बुधवार को सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों और डीजीपी के साथ बैठक की। बैठक में मरकज़ निज़ामुद्दीन से देश भर के राज्यों में निकले लोगों के बारे में चर्चा की गई। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों से कहा गया है कि वे अपने राज्यों में युद्धस्तर पर ऐसे लोगों की खोजबीन करें और वीजा नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई करें। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राज्यों के प्रमुख सचिवों और पुलिस प्रमुखों से कहा गया है कि जो भी विदेशी नागरिक तबलीगी जमात का सदस्य हो, उसकी स्क्रीनिंग की जाये और उसे क्वरेंटीन किया जाये और ज़रूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाये। मंत्रालय ने कहा है कि अगर जमात से जुड़ा कोई विदेशी नागरिक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया जाता है तो उसे तुरंत पहली फ़्लाइट से उसके देश भेज दिया जाये।

मंत्रालय की ओर से दिल्ली पुलिस आयुक्त से कहा गया है कि ऐसे लोग जो टूरिस्ट वीजा पर आकर मिशनरी काम करते हैं, इसे वीजा नियमों का उल्लंघन माना जाना चाहिए। मंत्रालय के मुताबिक़, तबलीगी जमात से जुड़े 2100 लोग 1 जनवरी से अब तक भारत आ चुके हैं और देश भर में इस संगठन की गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। इनमें से बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाइलैंड से आने वाले लोग शामिल हैं। 

देश भर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के ख़तरे के बाद भी 1000 से ज़्यादा लोग मरकज़ निज़ामुद्दीन की बंगले वाली मसजिद में रुके हुए थे, जहां से उन्हें निकालकर अस्पतालों और क्वरेंटीन सेंटर्स में भर्ती कराया गया है। 

'जमात के सदस्यों की यात्रा से बढ़े केस'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा है कि मंगलवार से कोरोना वायरस के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हुई है और इसका एक अहम कारण तबलीगी जमात के सदस्यों का देश भर के कई इलाक़ों में यात्रा करना है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक इस वायरस से 1,637 लोग संक्रमित हो चुके हैं और इनमें से 132 लोग ठीक हो चुके हैं। मंत्रालय ने कहा कि मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने वाले 1,800 लोगों की पहचान की जा चुकी है।