कर्नाटक के कुछ मंदिरों में सोमवार सुबह 5 बजे कुछ मंदिरों में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा और भजन बजाए गए। इसका आह्वान श्रीराम सेना के प्रमोद मुथालिक ने किया था। पुलिस का दावा है कि उसने कुछ स्थानों पर श्रीराम सेना के लोगों को मंदिर जाते हुए हिरासत में भी लिया। श्रीराम सेना ने कहा कि उसने यह कदम मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अज़ान के खिलाफ उठाया है। मुसलमानों को मस्जिद से लाउडस्पीकर हटाना ही होगा। श्रीराम सेना ने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी सरकार की निष्क्रियता की वजह से मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो रहा है। श्रीराम सेना समेत कई हिंदू संगठनों ने सोमवार सुबह 5 बजे हनुमान चालीसा अभियान शुरू करने की धमकी दी थी। सोमवार सुबह 5 बजे हिंदू भक्ति गीत बजाने के लिए मैसूर के हनुमान मंदिर में इकट्ठा हुए लोगों के समूह में सेना प्रमुख प्रमोद मुथालिक भी थे।
उन्होंने कहा कि हमने सरकार को चेतावनी दी थी और मुसलमानों से अज़ान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग बंद करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि कोई बदलाव या कार्रवाई नहीं हुई है। "...सरकार ने मस्जिदों को नोटिस दिया जो एक दिखावा और नाटक था ...मस्जिदों में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद नहीं हुआ है। वे आवाज भी कम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका अभियान सरकार और "अभिमानी मुसलमानों" के खिलाफ है।
उन्होंने कहा, हमने अपनी लड़ाई शुरू कर दी है..अगर वे नहीं झुके तो हम सभी जिला कलेक्टरों के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना का मामला दायर करेंगे। मुतालिक ने चेतावनी दी कि अगर मुसलमान अपने दम पर लाउडस्पीकर नहीं हटाते हैं तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
कर्नाटक में मुस्लिम आबादी करीब 13% है। राज्य की बीजेपी सरकार की हमलों पर चुप्पी के लिए आलोचना हो रही है। कई लोगों ने इस विवाद को 2023 के विधानसभा चुनावों से जोड़ा है। अप्रैल में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने मुसलमानों को निशाना बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा था।
मार्च में धार्मिक त्योहारों के दौरान कम से कम छह मंदिरों ने मुस्लिम व्यापारियों पर प्रतिबंध लगा दिया। उडुपी, दक्षिण कन्नड़ और शिमोगा जिलों में मंदिरों के बाहर बैनर लगाए गए थे, जिसमें कहा गया था कि मुस्लिम व्यापारियों को धार्मिक मेलों में स्टॉल लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इससे पहले, हिजाब या हेडस्कार्फ़ पर प्रतिबंध लगाने से राज्य में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। हलाल मीट के बहिष्कार का भी आह्वान किया गया है।