लॉकडाउन को रेड ज़ोन, हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट ज़ोन में फिर से बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही दूसरे क्षेत्रों में और ढील दी जा सकती है। प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही है। कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने का आग्रह किया है। हालाँकि लॉकडाउन बढ़ाना है या इसमें ढील देनी है, इस पर फ़ैसला बाद में आएगा। समझा जाता है कि इस संबंध में प्रधानमंत्री ने राज्यों से 15 मई तक उनकी सलाह माँगी है। वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने भी कुछ संकेत दिए हैं।
मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी की 5वीं वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री के बयान को जारी किया। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मुझे पूरा विश्वास है कि लॉकडाउन के पहले चरण में किए गए ज़रूरी उपायों की दूसरे चरण के दौरान ज़रूरत नहीं थी और इसी तरह तीसरे चरण में ज़रूरी उपायों की चौथे में ज़रूरत नहीं है।'
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 'भले ही हम लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाने पर विचार कर रहे हैं, हमें याद रखना चाहिए कि जब तक हमें कोई वैक्सीन या कोई समाधान नहीं मिल जाता है, तब तक वायरस से लड़ने के लिए हमारे पास सबसे बड़ा हथियार सोशल डिस्टेंसिंग है।'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए हमें एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता होगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मॉनसून की शुरुआत के बाद, कोविड-19 के अलावा कई दूसरी बीमारियाँ फैलेंगी, जिसके लिए हमें अपनी चिकित्सा और स्वास्थ्य प्रणाली मज़बूत करनी होगी।
हालाँकि छह हफ़्ते से जारी लॉकडाउन से आहत राज्य कंटेनमेंट ज़ोन के बाहर आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने की छूट देने के पक्ष में दिखे। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि राज्यों ने इसका आग्रह भी किया है कि किसी ज़िले में कोरोना पॉजिटिव आने पर पूरे ज़िले को रेड ज़ोन घोषित नहीं कर, उस ख़ास क्षेत्र को ही रेड ज़ोन माना जाए और बाक़ी के ज़िले को नहीं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कुछ ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा है कि कंटेनमेंट ज़ोन के अलावा बाक़ी की पूरी दिल्ली में आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की छूट दी जाए।
बता दें कि 17 मई को लॉकडाउन-3 के ख़त्म होने में अब सिर्फ़ छह दिन ही बचे हैं और ऐसे में माना जा रहा है कि इस बात की समीक्षा की जाएगी कि इसे और आगे बढ़ाया जाए या नहीं। प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन-1 और लॉकडाउन-2 को बढ़ाने से पहले भी मुख्यमंत्रियों से सलाह मशविरा किया था।
पिछली बार चार मई से जब लॉकडाउन को बढ़ाया गया था तो सरकार ने देश के सभी 773 ज़िलों को तीन क्षेत्रों- रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन में बाँटा, ताकि इनमें से प्रत्येक ज़िले में आर्थिक गतिविधि और प्रतिबंधों के स्तर को इंगित किया जा सके। इसके अनुसार ही लॉकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों में ढील भी दी गई।
लॉकडाउन शुरू होने के बाद यह पाँचवीं बार है जब मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ क़रीब 6 घंटे तक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग चली।