मध्य प्रदेश सरकार खरगोन में शांति स्थापित होने का दावा कर रही थी लेकिन रविवार को उसने अचानक घोषणा की है कि खरगोन में सोमवार और मंगलवार को कर्फ्यू लगा रहेगा। लोग अपने घर में नमाज पढ़ें, उन्हें मस्जिद या ईदगाह तक जाने की अनुमति नहीं होगी। एमपी में यह पहला मौका है जब राज्य सरकार ने किसी शहर में सबसे बड़े त्यौहार पर कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है।
खरगोन में पिछले महीने रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। ईद सोमवार या मंगलवार को मनाए जाने की संभावना है। इन दोनों दिनों में कर्फ्यू रहेगा। खरगोन के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट समर सिंह ने कहा, खरगोन में 2 मई और 3 मई को पूर्ण कर्फ्यू लगा रहेगा। ईद की नमाज लोग घर पर ही पढ़ें। उन्होंने कहा कि हालांकि दोनों दिन दुकानें खुली रहेंगी और जिन छात्रों की परीक्षाएं चल रही हैं, उन्हें पास दिया जाएगा।
जिला प्रशासन ने कहा है कि अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती पर किसी कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि इन दोनों त्यौहारों पर बड़े आयोजन नहीं होते हैं।
10 अप्रैल को खरगोन में शोभायात्रा के दौरान हिन्दू-मुस्लिमों के दो गुटों में संघर्ष हुआ था, जिसमें 24 लोग घायल हो गए थे। एक व्यक्ति की मौत हो गई और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ चौधरी को कथित तौर पर गोली लगी थी। इब्रीस खान नामक युवक का शव इंदौर में मिला था, जबकि वो खरगोन में आनंद नगर की कपास मंडी मोहल्ले का रहने वाला था। उसे अंतिम बार पुलिस के साथ देखा गया था लेकिन अगले दिन उसका शव मिला। अब पुलिस का कहना है कि उसने इब्रीस खान की हत्या के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी पर कथित तौर पर गोली चलाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। खरगोन में 64 सांप्रदायिक हिंसा के मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें अभी तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें समुदाय विशेष के लोगों की संख्या ज्यादा है। पुलिस ने कई ऐसे लोगों को भी दंगाई घोषित कर दिया है, जो पहले से किसी और मामले में जेल में बंद हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने आगामी त्योहारों से पहले एहतियाती कदम उठाने को कहा था। इस सूची में ईद के अलावा अंबेडकर जयंती, महावीर जयंती, गुड फ्राइडे और हनुमान जयंती शामिल हैं। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि कई त्यौहार आने वाले हैं। इसे देखते हुए राज्य के सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों को अपने इलाके के हालात पर नजर रखने को कहा गया है।