कर्नाटक में हिजाब पर बैन को लेकर हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद इसका स्वागत और विरोध दोनों हुआ है। केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक से ही आने वाले प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि वह अदालत के इस फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सभी लोगों को अदालत के फैसले को स्वीकार करना चाहिए और छात्रों का मुख्य काम पढ़ाई करना है, इसलिए बाकी चीजों को किनारे रखकर एकजुट रहकर पढ़ाई करनी चाहिए।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि शांति और अमन का माहौल बना रहना चाहिए और सभी को अदालत के इस फैसले को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह हमारे बच्चों के भविष्य का सवाल है और शिक्षा से ज्यादा जरूरी कुछ भी नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अदालत के फैसले को बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा है कि अदालत ने मूल अधिकार को भी बरकरार नहीं रखा और यह एक मजाक है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस फैसले को निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा है कि एक ओर हम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं लेकिन दूसरी ओर हम उन्हें उनका हक देने से भी इनकार कर रहे हैं।
महबूबा ने कहा कि हिजाब का मामला धर्म से जुड़ा नहीं है बल्कि किसी के चुनाव की आजादी के बारे में है। कर्नाटक के अटॉर्नी जनरल ने कहा है कि यह फैसला अनुच्छेद 25 की व्याख्या में एक मिसाल बनेगा।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री सुधाकर के. ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि यह यूनिफॉर्म की मर्यादा को बनाए रखेगा और स्कूल और कॉलेजों में फिर से पढ़ाई पर ध्यान दिया जा सकेगा।
ओवैसी भी असहमत
एआईएमआईएम के मुखिया और हैदराबाद से सांसद असदउद्दीन ओवैसी ने कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले से असहमति जताई है। उन्होंने कहा है कि यह उनका हक है कि वह इस फैसले से असहमति जता सकते हैं। उन्होंने कहा है कि न केवल ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड बल्कि दूसरे धार्मिक समूहों के संगठन भी इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
क्या कहा हाई कोर्ट ने?
हाई कोर्ट ने कहा है कि शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर बैन जारी रहेगा और यह जरूरी धार्मिक प्रथा नहीं है। अदालत ने इस मामले में दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने पिछले महीने हिजाब, भगवा स्कार्फ या किसी अन्य तरह के धार्मिक कपड़ों पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी थी।
यह फैसला उन छात्राओं के लिए बहुत बड़ा झटका है जिन्होंने हिजाब पर बैन को अदालत में चुनौती दी थी। इस मामले में अदालत में 5 याचिकाएं दायर की गई थीं। याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत में पेश हुए एडवोकेट केवी धनंजय ने कहा है कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।