यूपी समेत तमाम स्थानों पर कभी पुलिस सुरक्षा में तो कभी अदालत और जेल में कथित अपराधियों को गोली मारी जा रही है। इन हत्याओं पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया है। उन्होंने सीधे देश के गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया है। यूपी की राजधानी लखनऊ में कल बुधवार को गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के सहयोगी संजीव माहेश्वरी जीवा की एक अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इससे पहले पुलिस सुरक्षा में मारे गए अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या की गूंज अभी भी सुनाई पड़ रही है। इसके अलावा यूपी पुलिस तमाम एनकाउंटरों पर अपनी पीठ ठोंकती रही है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा था कि अपराधियों को मिट्टी में मिला दूंगा। उसके बाद यूपी में एनकाउंटर में तेजी आ गई थी। अतीक अहमद ने अपनी हत्या की आशंका मारे जाने से बहुत पहले जता दी थी।
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने आज गुरुवार को पुलिस हिरासत में लोगों की हत्या पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया और पूछा कि क्या वह ऐसी घटनाओं से चिंतित हैं। सिब्बल का यह सवाल कल लखनऊ की घटना के बाद आया है। लखनऊ की घटना में एक पुलिसकर्मी और दो वर्षीय बच्ची भी घायल हो गई है।
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, "कैसे और क्यों: यूपी में पुलिस हिरासत में (2017-2022) 41 लोग मारे गए हैं। हाल ही में: जीवा की लखनऊ कोर्ट में पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई। टिल्लू ताजपुरिया को तिहाड़ में गोली मार दी गई। अमित जी: आपको चिंता नहीं है? हमें है!"
बुधवार की घटना में, 24 वर्षीय विजय यादव के रूप में पहचाने जाने वाले कथित हमलावर को अदालत कक्ष के ठीक बाहर शाम करीब 4 बजे गोली चलने के तुरंत बाद पकड़ लिया गया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि हमलावर ने वकील के वेश में कपड़े पहने थे और करीब छह गोलियां चलाईं थीं।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लखनऊ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे जीवा को सुनवाई के लिए अदालत लाए जाने पर हमलावर ने गोली चला दी।
गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ को 15 अप्रैल को प्रयागराज में मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाते समय तीन हमलावरों ने गोली मार दी थी, जिसके लगभग दो महीने बाद यह घटना हुई है।
बुधवार की घटना को लेकर विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र पर निशाना साधा है। यूपीए 1 और यूपीए 2 सरकारों के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने हाल ही में अन्याय से लड़ने के उद्देश्य से गैर-चुनावी मंच 'इंसाफ' शुरू किया है।