सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बीते दिनों कई राज्यों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने की मांग को ठुकरा दिया। शीर्ष अदालत की जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया।
अदालत ने याचिकाकर्ता विशाल तिवारी से कहा, आप चाहते हैं कि इन मामलों की जांच कोई पूर्व सीजेआई करें। अदालत ने पूछा, “क्या यहां कोई खाली बैठा है। हमसे ऐसी राहत देने को ना कहें जो इस अदालत के द्वारा न दी जा सकती हो।”
विशाल तिवारी ने अपनी याचिका में कहा था कि राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात में रामनवमी के दौरान हुई सांप्रदायिक झड़पों व हिंसा की जांच की जानी चाहिए। उन्होंने अपनी जनहित याचिका में मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बुलडोजर की कार्रवाई की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की थी।
बता दें कि बीते दिनों कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई और इसके बाद दिल्ली के जहांगीरपुरी, मध्य प्रदेश के खरगोन, गुजरात के हिम्मतनगर रहे में बुलडोजर के जरिए अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई भी की गई।
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि बुलडोजर की इस तरह की कार्रवाई पूरी तरह भेदभाव वाली है और यह लोकतंत्र के और कानून के शासन की धारणा में फिट नहीं बैठती है।
जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद अतिक्रमण हटाने का मामला काफी गर्म रहा और तमाम दलों के नेता यहां पहुंचे थे।