देश-विदेश में प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में शुमार जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी) के माहौल को खराब करने की कोशिशें जारी हैं। यूनिवर्सिटी में दो छात्र संगठनों के बीच हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद, जेएनयू के मुख्य गेट और उसके आसपास के क्षेत्रों सहित जेएनयू परिसर के चारों ओर आज सुबह 'भगवा जेएनयू' के पोस्टर और भगवा झंडे दिखे।हिंदू सेना द्वारा कथित तौर पर लगाए गए झंडे और पोस्टर एबीवीपी के छात्रों के साथ एकजुटता में प्रतीत होते हैं, जिन पर राम नवमी के अवसर पर वामपंथी सदस्यों द्वारा हमला किया गया था।
जेएनयू परिसर के आसपास के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। हैरानी है कि इतनी बड़ी जगह में ऐसे पोस्टर और बैनर लगाने के लिए कम से कम तीन-चार घंटे चाहिए। लेकिन जब उकसावे वाली ये कार्यवाही हो रही थी तो पुलिस की नजर इन्हें लगाने वालों पर नहीं पड़ी। जबकि पीसीआर उस इलाके में हर वक्त घूमती रहती है। हालांकि, मामले की सूचना जब आज सुबह पुलिस को मिली तो उसने फौरी कार्रवाई करते हुए और सभी झंडे और होर्डिंग हटवा दिए।
हिन्दू सेना का उपाध्यक्ष बताने वाले सुरजीत सिंह नामक युवक ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा कि भगवा का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। हम सख्त कार्रवाई करेंगे। उसने कहा कि मैंने ही कैंपस के पास झंडे और होर्डिंग लगाए गए थे क्योंकि जेएनयू में 'भगवा' का अपमान किया गया था और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हिंदू विरोधी लोग भगवा का अपमान कर रहे हैं। हम सभी धर्मों और विचारधाराओं का सम्मान करते हैं लेकिन भगवा के प्रति अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उसने चेतावनी दी कि जेएनयू में भगवा का अपमान होने पर हिंदू सेना सख्त कार्रवाई करेगी। भगवा के प्रति यह अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जेएनयू गेट के बाहर दीवारों पर, पेड़ों, खंभों पर भगवा जेएनयू के पोस्टर, झंडे आदि शुक्रवार को लगे पाए गए। फोटो सोशल मीडिया
ये पोस्टर, बैनर, झंडे उस घटना के बाद सामने आए हैं, जब पिछले रविवार को जेएनयू में कथित तौर पर मीट परोसने को लेकर एबीवीपी और लेफ्ट समर्थक छात्र समूहों के बीच मारपीट की घटना हुई। आरोप है कि कावेरी हॉस्टल की मेस में एबीवीपी समर्थकों ने लेफ्ट समर्थक छात्रों पर हमला किया। इसमें कई छात्र घायल हो गए। वसंतकुंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआऱ दर्ज हुई। हालांकि लेफ्ट समर्थक छात्रों ने एबीवीपी का नाम लिया था। एबीवीपी ने वामपंथी छात्रों पर रामनवमी पूजा में बाधा डालने का आरोप लगाया। लेकिन यह विवाद मीट परोसे जाने को लेकर हुआ था। एबीवीपी समर्थकों ने चेतावनी दी थी कि मीट न परोसा जाए। हालांकि बाद में एबीवीपी ने कहा कि हम लोग मीट के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन उस दिन रामनवमी थी तो हमने मीट नहीं परोसने के लिए कहा था। वैसे हम मीट के खिलाफ नहीं है। इस पर लेफ्ट छात्रों ने कहा था कि कौन क्या खाएगा, यह एबीवीपी नहीं तय कर सकता। एबीवीपी ने बाद में वसंतकुंज थाने में जवाबी एफआईआर लेफ्ट समर्थक छात्रों पर कराई।
उस घटना के बाद खामोशी छा गई लेकिन आज अचानक हिन्दू सेना ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। जेएनयू के खिलाफ दक्षिणपंथी संगठनों के बयान आते रहे हैं। बीजेपी के कई सांसद और विधायक जेएनयू के खिलाफ तमाम आधारहीन गंदे आरोप तक लगा चुके हैं।