जेडीयू की तीन प्रमुख मांग जो सार्वजनिक हुई है
- 1. अग्निवीर पर फिर से विचार हो
- 2. यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पर दलों से बात हो
- 3. एक देश एक चुनाव पर सभी दलों से बात हो
कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का प्रमुख वादा था कि इंडिया गठबंधन की सरकार आई तो अग्विवीर को खत्म कर दिया जाएगा। जेडीयू ने गुरुवार को उस मांग का समर्थन करते हुए केंद्र की प्रस्तावित मोदी सरकार से कहा कि अग्निवीर योजना की फिर से समीक्षा की जाए। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने यह बात मीडिया के सामने कही। पीटीआई ने इस बयान का वीडियो जारी किया है जो सोशल मीडिया पर वायरल है। इस तरह से यह पहले संकेत है कि जेडीयू नई मोदी सरकार के सामने किस तरह की चुनौतियां पेश कर सकता है।
मोदी सरकार अग्निवीर योजना को 2022 में लाई थी। इसमें युवकों को चार साल के अनुबंध पर सेना में भर्ती किया जाना था। चार साल बाद रिटायर होने के बाद ऐसे सैनिकों को पेंशन नहीं मिलना था। बिहार, यूपी समेत कई राज्यों में इसका जबरदस्त विरोध हुआ, हिंसा हुई। सरकार ने ताकत के बल पर अग्निवीर विरोधी आंदोलन को कुचल दिया। एक सेना प्रमुख इस मुद्दे पर किताब लिखने चले थे, वो किताब आज तक नहीं आई। कुल मिलाकर मोदी सरकार यह साबित करने में जुटी रही कि अग्निवीर स्कीम बेहतर है। लेकिन देश का मूड कुछ और था। विपक्ष उनकी आवाज बन गया। लेकिन अब जेडीयू ने इस पर अपनी राय साफ कर दी है।
केसी त्यागी का जो वीडियो ने यह भी कहा कि राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण होना चाहिए और बिहार को विशेष दर्जा मिलना चाहिए। गौरतलब है कि राष्ट्रव्यापी जाति सर्वेक्षण भारतीय विपक्षी गुट के प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक था। इसके अलावा, राजद और कांग्रेस समर्थित नीतीश कुमार सरकार ने जदयू प्रमुख के पाला बदलने और राजग से हाथ मिलाने से पहले राज्य में जाति सर्वेक्षण कराया था।
भाजपा पुनर्विचार को तैयार
जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी का बयान जैसे ही वायरल हुआ, बिहार के भाजपा नेता और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहले ही कह चुके हैं कि सरकार इस पर विचार को तैयार है।जेडीयू ने अग्निवीर, यूसीसी, एक देश एक चुनाव और खुलकर अपनी बात कही है। लेकिन बुधवार को एनडीए की बैठक से पहले जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के खास मंत्री अशोक चौधरी ने सीएनबीसी से कहा था कि इस बार केंद्र में हमारे मंत्री बढ़ना चाहिए। रेल मंत्रालय हमें मिलना चाहिए। साझा न्यूनतम कार्यक्रम बनाकर सरकार चलाई जाए।
दूसरी तरफ टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने स्पीकर पोस्ट और वित्त मंत्रालय मांगा था। हालांकि गृह मंत्रालय भी मांगने की चर्चा थी लेकिन उसकी पुष्टि किसी ने नहीं की। जेडीयू संसदीय दल की बैठक शुक्रवार को है, जबकि चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को विजयवाड़ा में अपने नए सांसदों के साथ बैठक की। लेकिन उसमें क्या तय हुआ यह नहीं बताया गया। शुक्रवार तक स्थितियां और भी साफ होंगी।