जामिया मिल्लिया इसलामिया की लाइब्रेरी में पुलिस ज़्यादती से जुड़ी सीसीटीवी फ़ुटेज जारी किए जाने के बाद कई नए सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कुछ लोग यह सवाल कर रहे हैं कि सीसीटीवी फ़ुटेज में दिख रहे छात्र ने मुंह क्यों ढंक रखा है और उसके सामने मेज पर रखी किताब बंद पड़ी है तो वह पढ़ कैसे रहा है।
इसके साथ ही यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि वह छात्र घबराया हुआ क्यों है और बार-बार दरवाजे की ओर क्यों देख रहा है। क्या उसे पुलिस कार्रवाई के बारे में पता था सोशल मीडिया पर कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि दरअसल वह छात्र पत्थरबाज है। पुलिस वाले भी उसे पत्थरबाज ही मान रहे हैं।
सत्य हिन्दी ने इसकी पड़ताल की है। पर सबसे पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के ट्वीट की बात करते हैं। अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा है, 'लाइब्रेरी में मास्क लगाए छात्र, बंद किताब पढ़ रहा है, चुपचाप शांत होकर पुस्तक पढ़ने के बजाय घबराया हुआ दरवाजे की ओर देख रहा है। यह जामिया की अंदरूनी कहानी है कि किस तरह पत्थरबाज लाइब्रेरी में जा कर छुप गए।'
विशेष उपायुक्त (क्राइम) प्रवीर रंजन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'ऐसा लगता है कि छात्र लाइब्रेरी में पत्थर के साथ तैयार बैठे थे, लाइब्रेरी में मास्क लगा कर कौन बैठता है वे निहत्थे नहीं थे।'
वह कौन है
सीसीटीवी फ़ुटेज में रीडिंग रूम में बंद किताब के सामने बैठे उस छात्र का नाम है सलमान, जो सिविल इंजीनियरिंग में पीएच डी कर रहे हैं। उन्होंने इसके पहले जामिया से ही एम. टेक किया।मास्क क्यों पहना था
सलमान ने लाइब्रेरी में मास्क लगाए रहने पर सफ़ाई दी। उन्होंने बीबीसी से कहा, 'दरअसल, पुलिस ख़ूब आंसू गैस के गोले छोड़ रही थी। मैं लाइब्रेरी आया तो कुछ बच्चे बेचैन इधर-उधर घूम रहे थे क्योंकि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। पुलिस लगातार आंसू गैस छोड़ती जा रही थी, सांस लेना मुश्किल था।'
'मैं पत्थरबाज नहीं'
उन्होंने पत्थरबाज होने से साफ़ इनकार कर दिया। सलमान ने बीबीसी से कहा, 'पुलिस ने भी वीडियो में अपना मुंह ढका है उसने ऐसा क्यों किया वीडियो में ऐसा तो है नहीं कि बस मैंने मुंह और नाक ढकी है। मेरी ही तरह पुलिस भी तो अपना चेहरा ढककर हमें मार रही थी। लेकिन मुझे बड़ी आसानी से 'पत्थरबाज़' कह दिया जा रहा है। हमारी आँखें और त्वचा भी जल रही थी आंसू गैस के कारण।'बंद किताब पढ़ रहे थे
लेकिन उनके सामने तो बंद किताब रखी हुई थी। इसका क्या कारण है सलमान इस पर भी सफ़ाई देते हैं। वे कहते हैं, "मेरे सामने जो हरे रंग की किताब रखी है वह मेरी ही है, वो इंजीनियरिंग सर्विस में एक नॉन-टेक पेपर होता है उसकी किताब है। अगर मैं भागकर बाहर से आया होता तो अपने ही विषय की किताब लेकर बैठता और क्या मुझे उस किताब का नाम अब तक याद भी होता'
सलमान कहते हैं कि उन्हें अंदेशा था कि पुलिस उनके रीडिंग हॉल में भी आ सकती है। इसीलिए वीडियो में नज़र आ रहे सभी छात्र दरवाज़े की ओर देख रहे थे।
पुलिस ने कहा है कि वह वीडियो की जाँच कर रही है, लेकिन उसे ऐसा लगता है कि इसे एडिट किया गया है। विशेष उपायुक्त (क्राइम) प्रवीर रंजन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'जो वीडियो सामने आए हैं, हमने उनका संज्ञान लिया है। हमने जामिया से कई बार कहा कि वह वीडियो हमें सौंप दे, लेकिन हमें कुछ दिन पहले ही वे वीडियो दिए गए हैं। हम फ़ुटेज की जाँच करेंगे, क्या हुआ यह पता लगाएंगे और यह भी देखेंगे कि क्या इसके साथ छेड़छाड़ की गई है।'
याद दिला दें कि नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिल्लिया इसलामिया में प्रदर्शन हुआ, जिसमें हिंसा भी हुई। पुलिस और छात्रों के बीच ज़बरदस्त झड़प हुई। स्थिति अनियंत्रित होती देख पुलिस ने प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर लाठीचार्ज किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले भी दागे।
कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि छात्रों द्वारा कथित तौर पर पथराव करने बाद पुलिस ने बल का प्रयोग किया। क़रीब 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर झड़प की तसवीरें वायरल होने लगीं। कई लोगों ने इसके वीडियो शेयर किए। इसके बाद पुलिस ने शाम को रीडिंग रूम में घुस कर छात्रों को बुरी तरह पीटा।