चीन, जापान जैसे देशों में बढ़ते कोरोना से भारत में भी चिंताएँ!

08:27 pm Dec 20, 2022 | सत्य ब्यूरो

चीन में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से दुनिया भर में चिंताएँ बढ़ा दी हैं। कई देशों में संक्रमण के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है और विशेषज्ञ फिर से संकट के संकेत दे रहे हैं। तो क्या भारत में भी यह संकट आएगा? मौजूदा हालात में तो स्थिति उस तरह की नहीं दिखती है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को जो ख़त लिखा है उससे चिंताएँ बढ़ती हुई दिखती हैं। ख़त में केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कई क़दम उठाने के लिए कहा है।

केंद्र ने ख़त में क्या कहा है, यह जानने से पहले यह जान लें कि कोरोना संक्रमण को लेकर हालात कैसे हैं। भारत में हर रोज़ संक्रमण के मामले 100-200 के क़रीब आ रहे हैं। एक दिन पहले देश में क़रीब 130 और दो दिन पहले 150 मामले आए थे। लेकिन कई देशों में संक्रमण के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी दिख भी रही है।

पूरी दुनिया में हर रोज़ करीब 3 लाख केस आ रहे हैं। जापान में हर रोज़ 70 हज़ार से ज़्यादा केस आ रहे हैं। जर्मनी में 55 हज़ार, ब्राज़ील में 29 हज़ार, दक्षिण कोरिया में 26 हज़ार, अमेरिका में 20 हज़ार, हांगकांग में 15 हज़ार और ताइवान, चीली, रोमानिया, ऑस्ट्रिया जैसे देशों में भी हजारों केस आ रहे हैं। चीन के आँकड़े साफ़ नहीं हैं लेकिन, चीन से लीक हो रही कोविड-19 की स्थिति बेहद डरावनी सी लगती है। 

पिछले कुछ महीनों से चीन में मामले बढ़ने शुरू हुए तो सरकार ने सख्त लॉकडाउन व अन्य पाबंदियाँ लगाईं। लेकिन जैसे ही इसने उसमें ढील दी, ज़ीरो कोविड नीति में ढील दी तो संक्रमण बेतहाशा बढ़ा। अस्पताल मरीजों से अटे पड़े हैं और श्मशान और कब्रिस्तान में शवों की तादाद काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है। 

और अब ऐसी ही स्थिति में भारत में केंद्र ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को INSACOG नेटवर्क के माध्यम से कोरोना वायरस वैरिएंट को ट्रैक करने और पॉजिटिव मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग को बढ़ाने के लिए ख़त लिखा है। 

जीनोम सिक्वेंसिंग से यह पता चलता है कि कोरोना वायरस का कौन सा वैरिएंट यानी रूप ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है, कोई नया वैरिएंट तो नहीं आया है और उससे कैसे निपटा जा सकता है।

INSACOG कोरोना वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 50 से अधिक प्रयोगशालाओं का एक संघ है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों को लिखे पत्र में कहा है, 'जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया, ब्राजील और चीन में मामलों की अचानक तेजी को देखते हुए पॉजिटिव मामले के नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तैयार रहना ज़रूरी है ताकि... INSACOG के माध्यम से वैरिएंट को ट्रैक किया जा सके।' 

इस पत्र में कहा गया है, 'इस तरह की कवायद देश में नए वैरिएंट का समय पर पता लगाने में सक्षम होगी और इसके लिए ज़रूरी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सुविधा मुहैया कराएगी।'

बता दें कि जिस चीन से कोरोना वायरस का पहला मामला आया था वहाँ अब तबाही मचा रहा है। महामारी विशेषज्ञ एरिक फीगल-डिंग का कहना है कि चीन में अस्पताल पूरी तरह से चरमरा गए हैं। महामारी विज्ञानी का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 प्रतिशत से अधिक और पूरी दुनिया की 10 प्रतिशत आबादी के संक्रमित होने और लाखों लोगों की मौत होने की आशंका है।

पहली बार यह वायरस चीन में ही आया था। इसके वुहान शहर में 2019 के दिसंबर महीने में आया था तो विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ का कहना था कि यह एक नया वायरस है। चीन के हुएई प्रांत के वुहान शहर में न्यूमोनिया के कई केस आने के बारे में डब्ल्यूएचओ को 31 दिसंबर 2019 को जानकारी दी गई थी। यह वायरस अलग तरह का वायरस था। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार क़रीब एक हफ़्ते बाद 7 जनवरी को उसे बताया गया कि चीन के अधिकारियों ने एक नये वायरस की पहचान की। यह नया वायरस कोरोना वायरस था।

संयुक्त राज्य अमेरिका ने चेतावनी दी है कि प्रकोप अब बाक़ी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।