चीन सहित दुनिया के कई देशों में कोविड संक्रमण के मामलों में उछाल के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इसमें अधिकारियों से सतर्क रहने और मामलों पर नज़र रखने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने साफ़ तौर पर कहा है कि अभी भी कोरोना ख़त्म नहीं हुआ है। इसके साथ ही भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क के इस्तेमाल की सलाह दी गई है।
बैठक के बाद मंडाविया ने ट्वीट कर कहा, 'कुछ देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आज विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। COVID अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।'
केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ख़त लिखने के बाद बुधवार को बैठक बुलाई थी। चीन से ऐसी रिपोर्टें सामने आ रही हैं कि अस्पताल में बेड भर गए हैं और मुर्दाघरों में शव रखने की जगह भी कम पड़ने लगी है।
इसी को लेकर केंद्र ने तैयारी के तौर पर कई क़दमों की रूपरेखा तैयार की है और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज शीर्ष अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ महामारी की स्थिति पर समीक्षा बैठक की। नीति आयोग के सदस्य और कोविड पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने कहा है कि घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है और पर्याप्त टेस्टिंग की जा रही है। उन्होंने भीड़भाड़ वाले इलाकों में लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी है। पॉल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के दिशानिर्देशों में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है।
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को जो ख़त लिखा है उसमें उसने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कई क़दम उठाने के लिए कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को INSACOG नेटवर्क के माध्यम से कोरोना वायरस वैरिएंट को ट्रैक करने और पॉजिटिव मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग को बढ़ाने के लिए ख़त लिखा है।
जीनोम सिक्वेंसिंग क्या है?
आसान भाषा में कहें तो जीनोम सिक्वेंसिंग संबंधित वायरस का बायोडाटा बनाने की प्रक्रिया है। यानी वायरस की हर वो जानकारी जुटाना जो ज्ञात हो। इसकी जानकारी जुटाने के लिए जो विधि अपनाई जाती है उसे जीनोम सिक्वेंसिंग कहते हैं। इसमें यह जानकारी पता चलती है कि कैसा वायरस है, किस प्रकार का है, कोई नया स्ट्रेन तो नहीं पैदा हुआ है।
जीनोम सिक्वेंसिंग से यह पता चलता है कि कोरोना वायरस का कौन सा वैरिएंट यानी रूप ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है, कोई नया वैरिएंट तो नहीं आया है और उससे कैसे निपटा जा सकता है।
INSACOG कोरोना वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए 50 से अधिक प्रयोगशालाओं का एक संघ है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को सभी राज्यों को लिखे पत्र में कहा है, 'जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया, ब्राजील और चीन में मामलों की अचानक तेजी को देखते हुए पॉजिटिव मामले के नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए तैयार रहना ज़रूरी है ताकि... INSACOG के माध्यम से वैरिएंट को ट्रैक किया जा सके।'
इस पत्र में कहा गया था, 'इस तरह की कवायद देश में नए वैरिएंट का समय पर पता लगाने में सक्षम होगी और इसके लिए ज़रूरी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सुविधा मुहैया कराएगी।'
हालाँकि, भारत में अभी हालात बेहतर हैं। भारत में हर रोज़ संक्रमण के मामले 100-200 के क़रीब आ रहे हैं। दो दिन पहले देश में क़रीब 130 और तीन दिन पहले 150 मामले आए थे। लेकिन दुनिया के कई देशों में संक्रमण के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी दिख रही है।