पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत पर एक बार फिर हमला बोला है। इस बार उन्होंने यह काम नेपाल और चीन के बहाने किया है। ख़ान ने कहा है कि भारत अपने पड़ोसियों को डरा रहा है।
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ख़ान ने भारत पर आरोप लगाया है कि वह अपने पड़ोसी देशों के साथ 'विस्तारवादी नीति' अपना रहा है।
इमरान ने यह आरोप भारत-चीन पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के दोनों ओर सैनिकों के जमावड़े के बाद लगाया है।
ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में पढ़े इस राजनेता ने कहा है कि भारत बांग्लादेश को नागरिकता क़ानून, नेपाल और चीन को सीमा विवाद और पाकिस्तान को फ़्लैग ऑपरेशन के ज़रिए डरा रहा है।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि इमरान ख़ान का यह बयान पाकिस्तान की भारत विरोधी विदेश नीति के तहत समय-समय पर किए जाने वाले हमले का ही हिस्सा है।
क्या है पाकिस्तान की नीति
पर्यवेक्षकों का कहना है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इसी बहाने भारत के पारंपरिक मित्र नेपाल पर डोरे डालने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी कोशिश यह इस बहाने नेपाल की सहानुभूति बटोरी जाए।बता दें कि नेपाल की संसद ने एक नया नक्शा पारित किया है, जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लाम्पियाधुरा को नेपाल के हिस्से के रूप में दिखाया गया है।
भारत का मानना है कि कालापानी उसका हिस्सा है। उत्तराखंड स्थित इस घाटी में ब्रिटिश काल से ही भारतीय चौकी रही है और इस पर भारत का नियंत्रण रहा है। अब नेपाल को अपने नक्शे में दिखाने से तनाव बढ़ा है।
लेकिन ताजा घटनाक्रम में नेपाल ने इस नक्शे को रोक लिया है और इसे छापने का मामला टाल दिया है।