इंडियन मेडिकल एसोसिएशन यानी आईएमए ने ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर जो चेताया है वह चिंता की बड़ी वजह हो सकती है। ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले देश में बढ़ने के बीच आईएमए ने चेताया है कि यदि ज़रूरी सावधानी नहीं बरती गई तो कोरोना की बड़ी तीसरी लहर आ सकती है।
इसने कहा है कि भारत के कई प्रमुख राज्यों से कोरोना के इस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं और कोरोना पॉजिटिव केसों की संख्या में वृद्धि होना तय है। देश में अब तक कम से कम 23 ऐसे मामलों की पुष्टि हो चुकी है। आईएमए ने दावा किया कि उपलब्ध वैज्ञानिक साक्ष्य और जिन देशों में इस वैरिएंट के सबसे पहले मामले आए वहाँ के अनुभव से यह साफ़ है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट तेज़ी से संक्रमण फैलाएगा और यह अधिक लोगों को प्रभावित करेगा।
इसने सरकार से स्वास्थ्य देखभाल, फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए कोरोना वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक की घोषणा करने का भी आग्रह किया। डॉक्टरों की इस संस्था ने कहा, 'ऐसे समय में जब भारत सामान्य स्थिति में वापस लौट रहा है, यह एक बड़ा झटका है। यदि हम पर्याप्त उपाय नहीं करते हैं तो एक बड़ी तीसरी लहर आ सकती है।'
ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहली बार दक्षिणी अफ्रीकी देशों में पता चला था और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने 'वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न' के रूप में चिन्हित किया।
दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहली बार 25 नवंबर को ओमिक्रॉन के पहले मामले की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से कई देशों में इस संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं।
कोरोना का इलाज करने वाले दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टरों ने ही शुरुआती आकलन में कहा था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित लोगों में हल्के लक्षण दिख रहे हैं।
उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के सरकारी विशेषज्ञ ने संभावित बड़े ख़तरे को लेकर चेताया था। दक्षिण अफ्रीका के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज यानी एनआईसीडी निदेशक ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में पाया गया ओमिक्रॉन डेल्टा वैरिएंट से भी ज़्यादा संक्रामक हो सकता है। रायटर्स से साक्षात्कार में एनआईसीडी के कार्यकारी एग्जक्यूटिव डाइरेक्टर एड्रियन प्योरन ने कहा था, 'हमने सोचा था कि डेल्टा को क्या मात देगा? यह हमेशा से सवाल रहा है, कम से कम तेजी से फैलने के संदर्भ में, ...शायद यह विशेष वैरिएंट है।'
दूसरे वैरिएंट से ज़्यादा ख़तरनाक नहीं: डब्ल्यूएचओ वैज्ञानिक
डब्ल्यूएचओ के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को एएफ़पी से कहा है कि ओमिक्रॉन पिछले दूसरे कोविड वैरिएंट की तुलना में ज़्यादा गंभीर मालूम नहीं पड़ता है। हालाँकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस वैरिएंट में वैक्सीन सुरक्षा को पूरी तरह से चकमा देने की ज़्यादा संभावना है। हालांकि उन्होंने कहा कि इसकी गंभीरता का पता लगाने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सेकेंड-इन-कमांड ने मंगलवार को एएफपी को बताया कि हालांकि इसके पिछले वैरिएंट की तुलना में अधिक संक्रामक होने की संभावना है। डब्ल्यूएचओ के आपात स्थिति निदेशक माइकल रयान ने एक साक्षात्कार में कहा, 'शुरुआती आँकड़े यह संकेत नहीं देते हैं कि यह अधिक गंभीर है। वास्तव में, यदि कुछ भी है तो यह है कि कम गंभीरता की ओर इशारा करता है।'