भारत में कोरोना की चौथी लहर जून तक संभव: आईआईटी कानपुर के शोधकर्ता

06:25 pm Feb 28, 2022 | सत्य ब्यूरो

भारत में क्या कोरोना की अगली लहर आ सकती है? इस सवाल का जवाब आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने ढूंढा है। उनका कहना है कि देश में कोरोना की चौथी लहर अगले 4 महीने में आ सकती है। यह लहर 4 महीने तक रह सकती है। शोध में कहा गया है कि गंभीरता देश भर में टीकाकरण की स्थिति, कोरोना के नये वैरिएंट की प्रकृति पर निर्भर करेगी।

यह रिपोर्ट तब आई है जब देश में फ़िलहाल हर रोज़ क़रीब 10 हज़ार मामले सामने आ रहे हैं। मौजूदा वक़्त में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सबसे ज़्यादा आ रहे हैं। इसके अलावा डेल्टा जैसे वैरिएंट के भी मामले आ रहे हैं। एक अन्य हालिया अध्ययन से पता चला है कि अगला कोविड वैरिएंट दो अलग-अलग तरीकों से उभर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन का विकास जारी है और कुछ प्रकार का ओमिक्रॉन-प्लस वैरिएंट के रूप में आ सकता है जो बीए.1 या बीए.2 से भी बदतर होगा। दूसरी संभावना यह है कि एक अलग ही नया वैरिएंट सामने आ जाए। 

शोध के अनुसार, भारत में जून के मध्य से जून के अंत तक चौथी लहर आ सकती है। अध्ययन का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के सबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने किया है। अध्ययन को MedRxiv में प्री-प्रिंट के रूप में प्रकाशित किया गया है।

शोधकर्ताओं ने कहा है कि डेटा बताते हैं कि भारत में कोरोना की चौथी लहर प्रारंभिक डेटा उपलब्ध होने की तारीख़ से 936 दिनों के बाद आएगी। देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को आया था।

उन्होंने कहा है कि इसलिए चौथी लहर 22 जून, 2022 से शुरू होगी, 24 अक्टूबर, 2022 को समाप्त होगी और अंदाजा है कि लगभग 15 अगस्त से 31 अगस्त, 2022 तक यह अपने शिखर पर होगी।

शोध के अनुसार, इस बात की पूरी संभावना है कि इस वायरस के नए वैरिएंट की प्रकृति, टीकाकरण का प्रभाव भी संक्रमण की संभावना, संक्रमण की डिग्री और चौथी लहर से संबंधित विभिन्न पक्षों पर अहम असर डाल सकता है।

इसके अलावा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि नया वैरिएंट पहले से पहचाने गए दूसरों की तुलना में कम गंभीर होगा। 

बता दें कि विमानन नियामक डीजीसीए ने सोमवार को कहा है कि देश में नियमित अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के निलंबन को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। इससे पहले यह निलंबन आदेश 28 फ़रवरी तक था। मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन लगाए जाने के साथ ही ये उड़ानें निलंबित कर दी गई थीं और तब से निलंबन जारी है। एक ख़ास व्यवस्था के तहत कुछ देशों में यात्री उड़ानें संचालित की जा रही हैं।