केंद्र सरकार स्कूलों को खोले जाने की तैयारी कर रही है। पहले क्लास 9, 10, 11 और 12 के छात्रों के लिए स्कूलों को खोला जा सकता है क्योंकि वे सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना से जुड़ी दूसरी बातों का बेहतर ढंग से पालन कर सकते हैं।
अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, मानव संसाधन विकास मंत्रालय नेशनल काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च (एनसीईआरटी) के साथ मिलकर स्कूलों को खोलने के बारे में गाइडलाइंस तैयार कर रहा है। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक़, ‘क्लास 1 से 5 तक के छात्र, जो 6 से 10 साल की उम्र के हैं, उन्हें अगले तीन महीनों तक स्कूलों में भेजे जाने की कोई संभावना नहीं है।’
एक अधिकारी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘सभी सीनियर क्लासों के छात्रों को एक साथ नहीं बुलाया जाएगा। ये लोग कुछ दिनों तक बैच में आएंगे, जिससे स्कूल प्रबंधन को उन्हें नई सिटिंग व्यवस्थाओं और नियमों के बारे में बताने के लिए समय मिल सके।’
अधिकारी के मुताबिक़, सिटिंग व्यवस्थाएं इस तरह की होंगी कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। मतलब यह कि कोई दो छात्र एक-दूसरे से छह फ़ीट की दूरी पर रहें। इसके अलावा क्लास के सभी छात्रों को एक साथ नहीं बुलाया जाएगा और क्लास को बैच में बांटा जाएगा।
गाइडलाइंस में इस बात को भी शामिल करने की संभावना है कि सभी छात्रों के लिए मास्क पहनना ज़रूरी होगा और शुरुआत में कैंटीन को नहीं खोला जाएगा। छात्रों से कहा जाएगा कि वे लंच घर से लेकर आएं। कुछ महीनों तक सुबह के समय होने वाली प्रार्थना को बंद रखा जा सकता है।
इसके अलावा माता-पिता को स्कूल कैंपस के अंदर आने की अनुमति नहीं होगी और छात्रों के आने और जाने के लिए अलग-अलग गेट होंगे। स्कूल में सभी जगह को सैनिटाइज किया जाएगा। दुनिया के बाक़ी देशों में भी कोरोना संकट के कारण स्कूलों में इस तरह की व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं।