रूसी सैनिकों के हमले से बेजार हुए यूक्रेन में लोग किसी तरह अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो अपनी जान को मुश्किल में डाल कर दूसरों की मदद के लिए खड़े हैं। हरियाणा के हिसार निवासी अंकित ने कुछ ऐसा ही किया है। अंकित ने अपनी जान को खतरे में डालकर एक पाकिस्तानी युवती मारिया को हिफाजत के साथ पाक दूतावास तक पहुंचाया। अंकित की यह ख़ाबर सोशल मीडिया पर खासी वायरल हो गई है।
कीव यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे अंकित ने दैनिक भास्कर अखबार को बताया कि 25 फरवरी को रात 2:30 बजे उनके इंस्टीट्यूट से तीन किलोमीटर की दूरी पर धमाका हुआ। इसके बाद लगभग 80 छात्रों को बंकर में भेज दिया गया। इनमें वह अकेले भारतीय थे और वहां मारिया भी थी।
आसपास लगातार धमाके होने के बाद वह और मारिया 28 फरवरी को कीव के बुगजाला रेलवे स्टेशन के लिए पैदल निकले। दोनों ने दाे दिन से कुछ खाया नहीं था। ऐसे में अंकित ने मारिया का सामान लिया और फायरिंग से बचते हुए 5 किमी पैदल चलकर स्टेशन पहुंचे। लेकिन वहां बहुत भीड़ थी और इस वजह से तीन ट्रेनें छूट गईं।
अंकित ने दैनिक भास्कर को बताया कि उसी दिन शाम 6 बजे किसी तरह धक्का-मुक्की के बीच वे दोनों एक ट्रेन में चढ़ गए। सफर के दौरान एक जगह ट्रैक के किनारे जबरदस्त धमाका हुआ और फायरिंग भी हुई।
आखिरकार 1 मार्च काे वे लोग टर्नोपिल स्टेशन पहुंचे। वहां मारिया ने पाकिस्तानी दूतावास के अफसरों से संपर्क किया। वहां के अफसरों ने उन दोनों को टर्नोपिल मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रखा और उनके लिए खाने-पीने का इंतजाम किया।
मारिया की मदद करने के लिए पाकिस्तानी दूतावास के अफसरों ने अंकित का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। उन्होंने अंकित को पाकिस्तानी छात्रों के साथ रोमानिया के बॉर्डर तक पहुंचाया। रोमानिया पार करने के बाद अंकित की तबीयत भी बिगड़ गई और स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की इसके बाद वह ठीक हुए।
निश्चित रूप से अंकित की यह कहानी भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव को कम कर इन्हें बेहतर कर सकती है और दोनों मुल्कों के लोगों को करीब ला सकती है।