ध्यान बंटाने के लिए 24 घंटे हिंदू-मुस्लिम नफरत फैलाई जा रहीः राहुल

07:12 pm Dec 24, 2022 | सत्य ब्यूरो

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज 24 दिसंबर की शाम लाल किले से बीजेपी पर तीखा हमला बोला। भारत जोड़ो यात्रा 109वें दिन आज दिल्ली पहुंची। भारी तादाद में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए 24 घंटे हिंदू-मुस्लिम नफरत फैलाई जा रही है। इस काम को सिर्फ बीजेपी ही नहीं बल्कि टीवी मीडिया भी इसमें शामिल हैं। बहुत गहराई में जाएंगे तो पाएंगे कि ये नफरत दरअसल अडानी-अंबानी फैला रहे हैं। वही इस सरकार को चला भी रहे हैं। उन्होंने चीन भारत विवाद पर भी अपनी बात रखी।

राहुल ने कहा, मैं 2,800 किलोमीटर चल चुका हूं, लेकिन मुझे कोई नफरत कहीं नहीं दिखी। हालांकि, जब मैं टीवी खोलता हूं, तो मुझे नफरत दिखाई देती है। उन्होंने कहा, मीडिया पर्दे के पीछे की वास्तविकता को कभी नहीं दिखाता है..लेकिन वो नफरत को दिखाता है। जबकि देश का हर कोई नागरिक सद्भाव से रहना चाहता है। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी ने इस देश के छोटे व्यापारियों, मजदूरों, किसानों की कमर तोड़ दी लेकिन मीडिया इसको नहीं दिखाता।

राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा का उद्देश्य "वास्तविक हिंदुस्तान" का प्रदर्शन करना है, जहां लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं। ये अलग बात है कि आरएसएस और बीजेपी नफरत फैलाने में जुटे हैं। दिल्ली की यात्रा के बाद, यात्रा 3 जनवरी को फिर से शुरू करने से पहले लगभग 9 दिनों तक रुकी रहेगी।

कमल हासन पर विवाद

राहुल गांधी ने टीवी चैनलों पर नफरत को लेकर जो हमला बोला था। उनकी बात सच निकली। अभिनेता से नेता बने कमल हासन आईटीओ के पास दोपहर में यात्रा में शामिल हुए। लेकिन बीजेपी ने इसे विवादों में लाने की कोशिश की। बीजेपी के शहजाद पूनावाला ने कहा कि कमला हासन हिन्दुत्व के खिलाफ हैं और कश्मीर में जनमत संग्रह का समर्थन करते हैं। ऐसे भारत तोड़क को कांग्रेस ने आज मंच दिया। राहुल का लाल किले पर भाषण खत्म होते ही देश के तमाम चैनलों ने कमल हासन को केंद्र में रखकर फिर से हिंदु-मुसलमान पर बहस छेड़ दी। 

हालांकि कमल हासन ने यह साफ किया कि वो इस यात्रा में क्यों शामिल हुए। कमल हासन ने राहुल से पहले लाल किले पर भाषण के दौरान कहा, कई लोगों ने मुझसे पूछा कि मैं यहां क्यों हूं। मैं यहां एक भारतीय के तौर पर हूं। मेरे पिता कांग्रेसी थे। मेरी कई विचारधाराएं रही हैं और मैंने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू की है, लेकिन जब देश की बात आती है, तो सभी पार्टियों को धुंधला होना पड़ता है। मैंने उस लाइन को धुंधला कर दिया और यहां आ गया। इसमें आप और कुछ न खोजें।