देशवासियों को कुछ दिनों में कोरोना वैक्सीन मिलेगी: हर्षवर्धन

05:08 pm Jan 08, 2021 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

ब्रिटेन के नये स्ट्रेन यानी नये क़िस्म के कोरोना के डर के बीच अब भारत में अगले कुछ दिनों में ही कोरोना वैक्सीन मिलने लगेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। उन्होंने फिर से दोहराया कि सबसे पहले फ़्रंटलाइन स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जाएगा। तीन जनवरी को ही ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया और भारत बायोटेक के टीके को मंजूरी दी है। हालाँकि, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में ही अनुमति दी गई है और कहा जा रहा है कि फ़िलहाल इसको बैक-अप के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री आज चेन्नई के सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस टीकाकरण अभ्यास के दूसरे 'ड्राई रन' की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'कम समय में भारत ने टीकों को विकसित करके अच्छा काम किया है... निकट भविष्य में अगले कुछ दिनों में हम अपने देशवासियों को ये टीके देने में सक्षम होंगे। यह हमारे हेल्थकेयर पेशेवर को दिया जाएगा, जिसके बाद फ्रंटलाइन कर्मियों को लगाया जाएगा।'

'ड्राई रन' से मतलब है टीकाकरण अभियान से पहले की तैयारी। और साफ़ कहें तो यह एक पूर्वाभ्यास है। यह देखने के लिए कि टीकाकरण अभियान के लिए वैक्सीन को स्टोर करने, एक जगह से दूसरी जगह ढोने, सुरक्षित रखने जैसी व्यवस्था दुरुस्त है या नहीं। 

दूसरा राष्ट्रव्यापी ड्राई रन आज 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 736 ज़िलों के तीन-सत्र स्थलों पर आयोजित किया गया। इससे पहले 2 जनवरी को पूरे देश में ड्राई रन आयोजित किया गया था। उससे भी पाँच दिन पहले 28 दिसंबर को चार राज्यों में दो दिन के लिए ड्राई रन किया गया था। 

टीकाकरण अभियान को शुरू करने की प्रक्रिया में तब तेज़ी आई है जब हाल के दिनों में नये क़िस्म के कोरोना का ख़तरा बढ़ा है। भारत में भी ब्रिटेन में मिले नये क़िस्म के कोरोना का संक्रमण पाया गया है। यह 70 फ़ीसदी ज़्यादा तेज़ी से फैलता है।

इसी ख़तरे को देखते हुए दिल्ली सरकार ने आज एक अहम फ़ैसला लिया है।

ब्रिटेन से आए यात्रियों के लिए क्वारंटीन ज़रूरी

दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की है कि यूनाइटेड किंगडम से आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से संस्थागत क्वारंटीन सेंटरों के तौर पर चुने गए होटलों में एक सप्ताह बिताना होगा, भले ही शहर में आने के बाद उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आए। संस्थागत क्वारंटीन के अलावा उन्हें एक हफ़्ते के होम क्वारंटीन में भी रहना होगा। जबकि केंद्र सरकार के पहले निर्देश में कहा गया है कि नेगेटिव आए ऐसे यात्रियों को 14 दिन के होम क्वारंटीन में रहना होगा। 

जो यात्री पॉजिटिव पाए जाएँगे उनको तो अलग-थलग रखा ही जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यह फ़ैसला तब आया है जब उन्होंने एक दिन पहले ही नए क़िस्म के कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र से ब्रिटेन और भारत के बीच उड़ान सेवाओं को 31 जनवरी तक स्थगित रखने का आग्रह किया था। 

हालाँकि इस बीच राहत की ख़बर यह है कि देश में दो टीके के आपात इस्तेमाल के लिए आख़िरी मंजूरी भी मिल गई है। डीसीजीआई द्वारा मंजूरी दिए जाने से पहले विशेषज्ञ पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट की वैक्सीन को 1 जनवरी और भारत बायोटेक की वैक्सीन को 2 जनवरी को हरी झंडी दे दी थी। 

वीडियो चर्चा में देखिए, कोवैक्सीन को लेकर विवाद क्यों?

हालाँकि, भारत बायोटेक की वैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल के आँकड़े के बिना ही मंजूरी दिए जाने पर विवाद भी हुआ। राजनेताओं से लेकर वैज्ञानिकों तक ने सवाल उठाए। कोविड नियंत्रण के लिए गठित नेशनल टास्क फ़ोर्स के सदस्य डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि टीकाकरण अभियान के पहले चरण में ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजे़नेका कंपनी की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाएगा और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन बैक-अप के तौर पर रहेगी। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कोवैक्सीन को 'क्लिनिकल ट्रायल मोड' में अनुमति दी गई है।