वाराणसी के श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार करने के अदालती आदेश पर जिस तरह बीजेपी और उससे जुड़े संगठनों की प्रतिक्रिया आ रही है, वो काफी चौंकाने वाली है। इस संबंध में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक की प्रतिक्रिया देखने लायक है। हालांकि सोमवार 12 सितंबर को अदालत को सिर्फ यह तय करना था कि वो हिन्दू पक्ष की याचिका पर सुनवाई करेगी या नहीं, लेकिन इस खबर को पूरे देश में बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है। यही वजह है कि यूपी के तमाम शहरों में हिन्दू संगठनों की ओर से खुशियां मनाई जा रही हैं, ऐसा लग रहा है कि आज ही कोई निर्णायक फैसला आ गया है।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को तीन ट्वीट किए। उन्होंने एक ट्वीट तो पिन भी किया है। मौर्य ने लिखा है - करवट लेती मथुरा, काशी। दूसरे ट्वीट में वो लिखते हैं - बाबा विश्वनाथ जी माँ शृंगार गौरी मंदिर मामले में माननीय न्यायालय के आदेश का स्वागत करता हूँ,सभी लोग फ़ैसले का सम्मान करें! तीसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा है - सत्यम, शिवम, सुंदरम।
केशव प्रसाद मौर्य के इस ट्वीट करवट लेती मथुरा, काशी के पीछे वो क्या कहना चाहते हैं, वो स्पष्ट है।
यूपी के दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के बयान को तमाम समाचार एजेंसियों ने जारी किया है।पाठक ने कहा - हम माननीय न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हैं। मेरे पास कई फोन आ रहे हैं सबका कहना है कि माननीय न्यायालय ने बहुत अच्छा निर्णय लिया है। प्रदेश में खुशी की लहर है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और मजबूत करेंगे। ब्रजेश पाठक का बयान देखने में सामान्य बयान जैसा लगता है लेकिन उन्होंने बीच में जो बात कही है कि उनके पास कई फोन आ रहे हैं कि कोर्ट ने अच्छा निर्णय लिया है। प्रदेश में खुशी की लहर है। ये लाइनें किस इरादे से यूपी सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री ने बोली है, उसे समझा जा सकता है।
यूपी के दोनों डिप्टी सीएम के ऐसे बयान मुसलमानों की निराशा को बढ़ाने के लिए काफी हैं। किसी भी मामले में जब दो पक्ष होते हैं तो सरकार का काम तटस्थ बने रहना है लेकिन दोनों डिप्टी सीएम के बयानों से इसका दूर दूर तक वास्ता नहीं है।
इस बीच मेरठ, मुज्जफरनगर, मथुरा, अयोध्या, आदि इलाकों में हिन्दू संगठनों द्वारा खुशियां मनाने और एक दूसरे को मिठाई खिलाने के समाचार आने लगे हैं। वाराणसी में उन पांच महिलाओं का सम्मान किया गया, जिन्होंने इस मामले में याचिका दायर की थी। कहा जा रहा है कि जिस तरह बाबरी मस्जिद पर कोर्ट का फैसला आने के बाद माहौल बना था, कुछ उस तरह का माहौल बनाने की कोशिश हो रही है।