ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर वाराणसी में गहमागहमी जारी है। कुछ वकीलों ने मंगलवार को प्रदर्शन कर मांग की कि वहां नमाज रोकी जाए और हिन्दुओं को पूजा की अनुमति दी जाए। इस बीच वाराणसी की जिला अदालत ने मंगलवार को चार महिला याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वो लीक किए गए वीडियो और फोटो को अपने पास सुरक्षित रखें।
ज्ञानवापी मामले की सुनवाई वाराणसी की जिला अदालत सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कर रही है। लेकिन इस तथ्य को नजरन्दाज करते हुए कुछ वकीलों ने जिला कोर्ट के सामने प्रदर्शन किया और मांग की ज्ञानवापी में नमाज को रोका जाए। अगर नमाज होती है तो हमे भी पूजा का अधिकार दिया जाए। वकीलों ने यह भी मांग रखी कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट खुद करे।
वकील विष्णु जैन ने कहा कि हमारा केस मजबूत है। हम अदालत में साबित करेंगे कि मंदिर को तोड़कर यहां मस्जिद बनाई गई। मस्जिद कमेटी ने भी दलीलें अभी तक अदालत में पेश की है, हमने उसका जवाब तैयार कर लिया है। इस मामले में ताजा घटनाक्रम ये है कि अब दोनों पक्ष एक दूसरे पर वीडियो लीक करने का आरोप लगा रहे हैं ताकि केस को कमजोर किया जा सके। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को वाराणसी जिला कोर्ट को भेजते समय निर्देश दिया था कि जिला कोर्ट इसकी सुनवाई करे और ज्ञानवापी में नमाज जारी रहेगी, वजूखाना में वजू भी जारी रहेगा। जहां कथित तौर पर शिवलिंग मिलने का दावा किया गया था, उस जगह की सुरक्षा का निर्देश जारी किया था।
इस बीच वाराणसी जिला अदालत ने मंगलवार को ज्ञानवापी मामले में चार हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं को लीक वीडियो फुटेज और सर्वे की फोटो की सीडी अपने पास सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है।
चार महिलाएं अदालत द्वारा नियुक्त सर्वे की सीडी को मस्जिद के अंदर सौंपने के लिए अदालत में आई थीं। इसके एक दिन बाद यह लीक हो गई और कुछ टीवी चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित हो गई।
कॉम्पैक्ट डिस्क (सीडी) में प्राप्त सामग्री को सार्वजनिक नहीं करने का हलफनामा देने के बाद जिला अदालत ने पांच हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं में से चार को सीलबंद पैकेट में फुटेज की प्रतियां दी थीं।
अदालत ने वीडियो फुटेज की सीडी वापस नहीं ली और सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई तय की। महिलाओं से कहा गया कि वे इसे सुरक्षित रखें। महिलाएं परिसर में एक कथित शिवलिंग होने का दावा करते हुए मस्जिद के अंदर पूजा के अधिकार की मांग कर रही हैं।
याचिकाकर्ता राखी सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता शिवम गौर ने कहा कि वाराणसी जिला अदालत में एक आवेदन दिया गया था जिसमें सील किए गए दस्तावेजों के लीक होने की सीबीआई जांच की मांग की गई थी।
उन्होंने कहा कि मैंने जिला अदालत में एक आवेदन दिया, जिसमें ज्ञानवापी सर्वेक्षण रिपोर्ट के वीडियो फुटेज के लीक होने की सीबीआई जांच की मांग की थी। अदालत ने सुनवाई की तारीख चार जुलाई तय की।